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ऑनलाइन सुनवाई के लिए निचली अदालतों में बनेंगे वीडियो कांफ्रेंस केबिन

फिलहाल भारत में 3288 अदालत परिसर हैं। इसके तहत हजारों निचली अदालतें आती हैं। इसी की 2506 अदालत परिसरों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग केबिन बनने हैं। बड़े अदालत परिसरों में बड़े-बड़े अदालती कमरों के बजाय अपेक्षाकृत छोटे परिसरों में ढेरों केबिन बनाए जाएंगे।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 08:44 PM (IST)
ऑनलाइन सुनवाई के लिए निचली अदालतों में बनेंगे वीडियो कांफ्रेंस केबिन
वीडियो कांफ्रेंसिंग केबिन के लिए सितंबर में ही 5.21 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।

नई दिल्ली, प्रेट्र। निचली अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई की क्षमता बढ़ाने के लिए समूचे भारत में 2506 अदालत परिसरों में 'वीडियो कांफ्रेंसिंग केबिन' बनाने के लिए धन जारी कर दिया गया है। यह जानकारी कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने दी है।

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अधिकारियों ने रविवार को कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग केबिन के लिए सितंबर में ही 5.21 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। इसके बाद अक्टूबर में फिर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए अतिरिक्त उपकरणों जैसे-हार्डवेयर, केबिल, मॉनिटर के लिए 28,886 करोड़ रुपये और दिए जा चुके हैं। यह धन कानून मंत्रालय के न्याय विभाग और सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी की ओर से जारी किया गया है।

फिलहाल भारत में 3,288 अदालत परिसर हैं। इसके तहत हजारों निचली अदालतें आती हैं। इसी की 2,506 अदालत परिसरों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग केबिन बनने हैं। बड़े अदालत परिसरों में बड़े-बड़े अदालती कमरों के बजाय अपेक्षाकृत छोटे परिसरों में ढेरों केबिन बनाए जाएंगे। किसी राज्य की आबादी जितनी होगी, वहां के अदालत परिसरों का आकार और उनके केबिनों का आकार उसी अनुपात में निर्धारित होगा। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण अदालतें ऑनलाइन सुनवाई कर रही हैं। लिहाजा, सरकार ने हाईकोर्ट और जिला अदालतों के 1500 अतिरिक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग लाइसेंस जारी किए हैं। इसके लिए नौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

उल्‍लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश के कई अदालतें ऑनलाइन सुनवाई कर रही हैं। कोर्ट में शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए ऐसा किया जा रहा है।दरअसल, जब तक कोविड-19 की वैक्‍सीन नहीं आ जाती है, तब तक मास्‍क और शारीरिक दूरी ही इस जानलेवा वायरस से बचने के कारगर उपाय हैं। इसलिए लोगों को भीड़भाड़ से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। अदालतों में भी आमतौर पर काफी भीड़ देखने को मिलती है।


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