सामूहिक दुष्कर्म और ब्लैकमेल की शिकार नाबालिग ने खुद को आग लगाई
मध्य प्रदेश के बैतूल के कोतवाली थाना क्षेत्र में मंगलवार रात एक नाबालिग आदिवासी छात्रा ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली।
बैतूल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के बैतूल के कोतवाली थाना क्षेत्र में मंगलवार रात एक नाबालिग आदिवासी छात्रा ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। 90 फीसदी झुलसी नाबालिग ने तीन लड़कों द्वारा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की बात बयान में कही। नाबालिग को रात 10 बजे के बाद जिला अस्पताल से गंभीर हालत में नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
डेढ़ महीने पहले तीन लड़कों ने किया था सामूहिक दुष्कर्म
बैतूल के एसपी डीएस भदौरिया ने बताया कि बालिका ने अपने बयान में तीन लड़कों पर डेढ़ महीने पहले दुष्कर्म करने की बात कही है। तीनों उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे थे। लड़के कौन हैं, कहां के हैं, इसकी जांच में टीमों को लगा दिया गया है। देर रात तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। पत्र में एक लड़के का मोबाइल नंबर पुलिस के मुताबिक छात्रा के पास से एक पत्र भी मिला है। इसमें उसने लिखा है कि अगर उसकी मौत होती है तो उसका जिम्मेदार एक लड़का होगा। पत्र में एक लड़के का मोबाइल नंबर भी दर्ज है। दुष्कर्म की शिकार नाबालिग के आग लगाने की सूचना मिलने पर एसपी समेत आला अफसर अस्पताल पहुंचे। तहसीलदार ने बयान दर्ज किए हैं।
आरोपियों की हो रही तलाश
एसपी ने बताया कि पुलिस की टीमों को विभिन्न स्थानों पर आरोपितों की तलाश में भेजा गया है। नाबालिग के स्वजनों ने बताया कि पत्र में नाबालिग ने तीन लड़कों के नाम का उल्लेख किया है।
यौन अपराधों के खराब रिकॉर्ड वाले राज्यों पर अधिक फोकस की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन राज्यों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, जहां पोक्सो एक्ट तहत दर्ज होने वाले बच्चों के यौन शोषण के मामलों के निस्तारण की दर बेहद कम है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत की खंडपीठ ने कुछ याचिकाओं पर सुनवाई की जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध से संबंधित थे। खंडपीठ ने अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और अन्य वकीलों से पूछा कि वह इस समस्या से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए उचित उपायों का सुझाव दें।