उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले, गुमनाम नायकों और उनके योगदान को मान्यता देने की है जरूरत
उप राष्ट्रपति ने कहा कि कई गुमनाम नायकों ने बलिदान दिया लेकिन उनकी कहानी से आम जनता काफी हद तक अनभिज्ञ है क्योंकि इतिहास की किताबों में इनपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। उप राष्ट्रपति ने कहा कि अज्ञात लोगों को मान्यता देना हमारा कर्तव्य है।
नई दिल्ली, एजेंसी। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को देश के गुमनाम नायकों को मान्यता देने की वकालत करते हुए कहा कि कला के रूप जैसे सिनेमा और संगीत का इस्तेमाल उनके बलिदानों को रेखांकित करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि लोग राबर्ट क्लाइव के बारे में तो जानते हैं लेकिन महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, कोमाराम भीम और अल्लूरी सीताराम राजू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों और ऐतिहासिक हस्तियों के बारे में बहुत कम जानते हैं।
उप राष्ट्रपति ने कहा अज्ञात लोगों को मान्यता देना हमारा कर्तव्य
नायडू ने कहा कि कई गुमनाम नायकों ने बलिदान दिया, लेकिन उनकी कहानी से आम जनता काफी हद तक अनभिज्ञ है क्योंकि इतिहास की किताबों में इनपर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। उप राष्ट्रपति ने कहा कि अज्ञात लोगों को मान्यता देना हमारा कर्तव्य है। सिनेमा, हमारे कला के अन्य रूप, संगीत, साहित्य को इन पहलुओं (गुमनाम नायकों के कृत्यों को रेखांकित करना) पर पर्याप्ता ध्यान देना चाहिए। यह हमारे महान सांस्कृतिक अतीत को जीवंत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मातृ भाषा को हर स्तर पर दिया जाना चाहिए उचित सम्मान
यहां आयोजित संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी के पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि मातृ भाषा को हर स्तर पर उचित सम्मान दिया जाना चाहिए, चाहे वह सरकारी कामकाज हो या शिक्षा हो या फिर अदालत।
आजादी का अमृत महोत्सव को लेकर नायडू ने सरकार की प्रशंसा की
नायडू ने इन 'विकृति' को ठीक करने का आह्वान किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कम ज्ञात नायकों के योगदान को रेखांकित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने 'आजादी का अमृत महोत्सव' उत्सव का संदर्भ देते हुए सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हाल में अधिकतर गुमनाम नायकों को महत्व दिया गया है।
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