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भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिका से खरीदे गए बेहद सर्द मौसम के कपड़े, लद्दाख क्षेत्र में तैनात हैं 90 हजार जवान

बेहद सर्द मौसम के इन कपड़ों की आपातकालीन खरीद से लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को बेहद सर्द मौसम में भी मुस्तैद रहने में मदद मिलेगी। भारतीय पक्ष ने एलएसी पर दो अतिरिक्त डिवीजन तैनात की हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 06:27 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 06:27 PM (IST)
भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिका से खरीदे गए बेहद सर्द मौसम के कपड़े, लद्दाख क्षेत्र में तैनात हैं 90 हजार जवान
भारतीय सेना सियाचिन में पश्चिमी मोर्चे और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात है

नई दिल्ली, एएनआइ। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के खिलाफ तैयारियों के मद्देनजर भारतीय सेना को अपने जवानों के लिए बेहद सर्द मौसम के कपड़ों की पहली खेप अमेरिका से प्राप्त हो गई है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सीमा पर तैनात जवान उनका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना सियाचिन में पश्चिमी मोर्चे और पूर्वी लद्दाख सेक्टर समेत पूरे लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए बेहद सर्द मौसम के इन कपड़ों के 60 हजार सेट स्टॉक में रखती है। इस साल करीब 30 हजार सेट्स की अतिरिक्त जरूरत थी क्योंकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के आक्रामक रुख के मद्देनजर क्षेत्र में करीब 90 हजार जवान तैनात हैं और सीमा पर चौकस नजर रखे हुए हैं।

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सर्द मौसम में भी मुस्तैद रहने में मिलेगी मदद

बेहद सर्द मौसम के इन कपड़ों की आपातकालीन खरीद से लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को बेहद सर्द मौसम में भी मुस्तैद रहने में मदद मिलेगी। भारतीय पक्ष ने एलएसी पर दो अतिरिक्त डिवीजन तैनात की हैं। इनमें से एक मैदानी इलाके से है और एक पर्वतीय डिवीजन है जिन्हें कई वर्षो से ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

मालूम हो कि भारत को अमेरिका से कई तरह के उपकरण प्राप्त हो रहे हैं जिनमें विशेष बलों के लिए असाल्ट राइफलें और थलसेना के लिए सिग सॉर असाल्ट राइफलें शामिल हैं।

 -40 डिग्री पर तैनात रहते हैं जवान

लद्दाख में एलएसी से सटे ज्यादातर क्षेत्रों में सर्दियों में तापमान -25 से -40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। कुछ स्थानों पर यह -50 डिग्री तक पहुंच जाता है। भारी बर्फ के बीच आगे बढ़ना नामुमकिन रहता है। इसके अलावा 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से नियमित बर्फीली हवाएं चलती रहती हैं। वहीं, बर्फीले तूफान आफत और बढ़ा देते हैं।


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