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कार और बाइक के हर साल बीमा कराने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, अब होगा दीर्घकालिक बीमा

बीमा कंपनियों को लिखे पत्र में इरडा ने कहा है कि वाहनों का वार्षिक बीमा करने के बजाय उन्हें तीन और पांच वर्ष का बीमा करने पर विचार करना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 07:52 PM (IST)
कार और बाइक के हर साल बीमा कराने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, अब होगा दीर्घकालिक बीमा
कार और बाइक के हर साल बीमा कराने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, अब होगा दीर्घकालिक बीमा

संजय सिंह, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में आपको अपने वाहन का बीमा हर साल कराने की जरूरत शायद न पड़े और कई वर्षो का बीमा एक साथ हो जाए। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने साधारण बीमा कंपनियों को वाहनों का दीर्घकालिक थर्ड पार्टी बीमा करने की सलाह दी है। यदि बीमा कंपनियों ने इस सलाह पर अमल किया तो बार-बार बीमा के झंझट के साथ प्रीमियम में भी राहत मिल सकती है।

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-इरडा ने बीमा कंपनियों से वाहनों का दीर्घकालिक बीमा करने को कहा

-चौपहिया वाहनों का तीन वर्ष व दुपहियों का पांच वर्ष का बीमा करने की सलाह

-इससे ज्यादा वाहनों का होगा बीमा, प्रीमियम में आएगी कमी

बीमा कंपनियों को लिखे पत्र में इरडा ने कहा है कि वाहनों का वार्षिक बीमा करने के बजाय उन्हें तीन और पांच वर्ष का बीमा करने पर विचार करना चाहिए। इससे प्रीमियम की दरें कम होंगी और ज्यादा से ज्यादा लोग वाहनों का बीमा कराने को प्रेरित होंगे।

अभी वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य होने के बावजूद पचास फीसद से कुछ ज्यादा वाहनों का ही बीमा होता है। इरडा ने इस स्थिति को परिवहन क्षेत्र में सुधारों के लिहाज से नुकसानदेह मानते हुए ही बीमा कंपनियों को दीर्घकालिक बीमा पॉलिसियां जारी करने का सुझाव दिया है। इरडा की सलाह है कि चौपहिया वाहनों की बीमा पालिसी तीन वर्ष और दुपहिया वाहनों की पांच वर्ष के लिए जारी की जानी चाहिए। हालांकि कुछ कंपनियां तीन साल की अवधि की बीमा पालिसियां अभी भी दे रही हैं।

इरडा की माने तो लंबी अवधि की बीमा पालिसियों से प्रीमियम में कमी आने के साथ-साथ पॉलिसीधारकों को कई अन्य लाभ प्राप्त होंगे। मसलन, इससे ज्यादा से ज्यादा लोग वाहनों का बीमा कराने को प्रेरित होंगे। क्योंकि उन्हें पालिसी का हर साल नवीकरण नहीं कराना पड़ेगा। दूसरे, इससे प्रीमियम दरों में स्थायित्व आएगा और वाहन स्वामी प्रीमियम में जल्दी-जल्दी होने वाली बढ़ोतरी के तनाव से राहत महसूस करेंगे।

दीर्घकालिक वाहन बीमा से बीमा कंपनियों को भी लाभ होगा। क्योंकि तब ज्यादा वाहन बीमा कवरेज के दायरे में आएंगे। बीमित वाहनों की संख्या बढ़ने से दावों के भुगतान पर आने वाली लागत में कमी आएगी।

इरडा का कहना है कि यदि साधारण बीमा कंपनियां दीर्घकालिक थर्ड पार्टी बीमा उत्पाद बाजार में लाने की मंशा जताती हैं तो इरडा इन उत्पादों के लिए उपयुक्त प्रीमियम निर्धारित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगा।

दीर्घकालिक वाहन बीमा पर सरकार की राय जानने के लिए जब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव युद्धवीर सिंह मलिक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक इरडा ने इस विषय में मंत्रालय से संपर्क नहीं साधा है। परंतु यदि ऐसा प्रस्ताव आता है तो हम उस पर अवश्य विचार करेंगे।


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