जानें- ट्रिब्यूनल में खाली पड़े पदों को भरने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, कब होगी इस पर अब सुनवाई
चीफ जस्टिस (सीजेआइ) एनवी रमना जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे से जुड़ी याचिकाओं पर 23 फरवरी को विचार करेगी। पीठ ने कहा कि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को मदद के लिए बुलाया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश के विभिन्न ट्रिब्यूनल में खाली पड़े पदों को भरने से जुड़ी याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं को शीर्ष कोर्ट ने धैर्य रखने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि हम मामले को देख रहे हैं।
गुरुवार को चीफ जस्टिस (सीजेआइ) एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे से जुड़ी याचिकाओं पर 23 फरवरी को विचार करेगी। पीठ ने कहा कि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को मदद के लिए बुलाया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में सुनवाई के दौरान सरकार ने जो आंकड़े उपलब्ध कराए थे, उसके मुताबिक देश भर के विभिन्न प्रमुख ट्रिब्यूनल में करीब 250 पद खाली हैं। सरकार ने हालांकि कहा था कि उसने छह ट्रिब्यूनल में 84 नियुक्तियां की हैं।
पीठ से जब एक अधिवक्ता ने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की तो सीजेआइ ने कहा कि जनहित याचिका के मामलों में आप बहुत शोर करते हैं। क्या हम सरकार को आज बुला सकते हैं और उसे जेल भेज सकते हैं। कृपया धैर्य रखें, हम मामले को देख रहे हैं। कल हमने अटार्नी जनरल को बुलाया था और हम इस पर 23 फरवरी को सुनवाई करेंगे।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को भरने में बिना सोचे की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि नौकरशाही इस मामले को हल्के में ले रही है। कोर्ट ने कहा कि शुरू में उनमें कुछ नियुक्तियों के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इससे एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने खाली पदों को भरने में ढिलाई बरत रहे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि नौकरशाही इस मामले को हल्के में ले रही और खाली पदों को भरने के लिए कुछ नहीं कर रही।