उत्तराखंड में भी चीन की सेना ने की घुसपैठ
चीनी सेना केवल लद्दाख में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी घुसपैठ कर रही है। चमोली जिले के बाराहोती क्षेत्र में इस वर्ष तीन बार चीनी सैनिकों ने वास्तविक सीमा रेखा लांघी है। घोड़ों व याक पर सवार ये चीनी सैनिक बाराहोती क्षेत्र में गश्त लगाते हुए देखे गए। इतना ही नहीं, धारचूला क्षेत्र में भी चीनी सेना ने घुसपैठ की है। कारगिल विजय
देहरादून। चीनी सेना केवल लद्दाख में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी घुसपैठ कर रही है। चमोली जिले के बाराहोती क्षेत्र में इस वर्ष तीन बार चीनी सैनिकों ने वास्तविक सीमा रेखा लांघी है। घोड़ों व याक पर सवार ये चीनी सैनिक बाराहोती क्षेत्र में गश्त लगाते हुए देखे गए। इतना ही नहीं, धारचूला क्षेत्र में भी चीनी सेना ने घुसपैठ की है।
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कारगिल विजय दिवस के मौके पर शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मीडिया से बातचीत में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में चीनी घुसपैठ पर चिंता जताई।
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पिथौरागढ़ में स्थित अस्कोट मृग विहार से 111 गांवों को बाहर करने और निर्माण कार्यो पर से पाबंदी हटाने के सरकार के फैसले को भी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत और चीन को लेकर सीमा मतभेद हैं। सीमा तय न होने के कारण चीनी सैनिक भारतीय सीमा में भी प्रवेश करते रहे हैं। उत्तराखंड की तकरीबन 350 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से लगी हुई है। इसकी सुरक्षा व निगरानी का जिम्मा भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस पर है।
चीन और भारत के बीच तीन क्षेत्रों को लेकर विवाद है। पहला इलाका अक्साई चिन का है। इसमें लद्दाख का क्षेत्र आता है। चीन इसके काफी बड़े भू-भाग को अपना बताता है। दूसरा क्षेत्र बाराहोती है। यह उत्तराखंड में है और इसके 533 वर्ग किलोमीटर के इलाके को लेकर चीन से विवाद है। तीसरा क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में है, जिसे चीन अपना बताता है। इन तीनों में से एक, बाराहोती के उत्तराखंड में होने से सैन्य विशेषज्ञा व पूर्व सैन्य अधिकारी भी समय-समय पर चीन से सटी सीमाओं को और अधिक सुरक्षित करने पर जोर देते रहे हैं। यह अंदेशा अब सही साबित होता नजर आ रहा है।
उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन ने इस वर्ष तीन बार घुसपैठ की है। हालांकि अभी तक सीमा पर चेकपोस्ट व पिलर को नुकसान पहुंचाने की कोई सूचना सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि चीन बीते छह महीनों से लगातार भारत में घुसपैठ कर रहा है। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में इसी माह चीन के दो हेलीकॉप्टर चुमार सेक्टर में वायुसीमा लांघ चुके हैं। इसके अलावा इसी क्षेत्र में चीन सीमा पर लगे कैमरे तोड़ने के साथ ही घुसपैठ भी कर चुका है। अप्रैल और मई के बीच लद्दाख के दिपसांग इलाके में भारतीय और चीन सैनिक आमने सामने थे।
इस गतिरोध को दूर करने में तकरीबन तीन माह का समय लगा था। अब उत्तराखंड में चीनी घुसपैठ की खबर से राज्य सरकार चिंतित हैं। कारण यह कि बाराहोती से ठीक ऊपर चीन इलाके में तुनजुला है। चीन ने यहां तक सड़क बना रखी है। पुलिस महानिदेशक सत्यव्रत का कहना है कि चीनी घुसपैठ की जानकारी उनके संज्ञान में भी आई है। बाराहोती में दो-तीन बार चीनी सेना देखी गई है। हालांकि इस दौरान चीनी सैनिकों के कैंप लगाने व पिलर ध्वस्त करने की सूचना नहीं है। भारतीय सुरक्षाबल सतर्क हो गए हैं।
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