उत्तराखंड में अग्रिम जमानत का प्रावधान बहाल करने पर विचार
उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर वह भी राज्य में अग्रिम जमानत का प्रावधान बहाल करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर वह भी राज्य में अग्रिम जमानत का प्रावधान बहाल करने पर विचार कर रही है।
जस्टिस एसए बोब्दे और जस्टिस एलएन राव की पीठ के समक्ष उत्तराखंड सरकार के वकील ने अपनी दलील में हाई कोर्ट की टिप्पणी का हवाला दिया। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पिछले महीने कहा था कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा-438 को प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए। इस धारा के तहत व्यक्ति को संभावित गिरफ्तारी से बचाव के लिए जमानत प्रदान किए जाने का प्रावधान है। उत्तराखंड के वकील ने कहा कि प्रदेश सरकार इस धारा को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार है।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अग्रिम जमानत बहाल करने संबंधी संशोधन को राज्य विधानसभा ने पारित कर दिया है। 1976 में आपातकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया था। नवंबर, 2000 में उत्तर प्रदेश के एक हिस्से को अलग करके उत्तराखंड का गठन किया गया था। लिहाजा उत्तराखंड ने भी उसी स्थिति को बरकरार रखा था।