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शहरी अल्पसंख्यकों को घर देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे; महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक भी टॉप टेन में शामिल

उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को लेकर शहरी कार्य मंत्रालय के डाटा के मुताबिक पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए 348884 आवास स्वीकृत किए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghTue, 28 Mar 2023 08:58 PM (IST)
शहरी अल्पसंख्यकों को घर देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे; महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक भी टॉप टेन में शामिल
शहरी अल्पसंख्यकों को घर देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

मनीष तिवारी, नई दिल्ली: भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यकों की कथित अनदेखी और उपेक्षा की राजनीतिक चर्चाओं के बीच यह तथ्य सामने आना एक अलग तस्वीर प्रस्तुत करता है कि शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक गरीबों को घर उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है और पार्टी के शासन वाले अन्य राज्यों का प्रदर्शन भी गैरभाजपा शासित राज्यों से या तो बेहतर है या बराबर है।

साल दर साल हुई प्रगति

उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां इस योजना की साल दर साल जैसी प्रगति हुई है, वह भाजपा सरकार के सबका साथ, सबका विकास के दावे को मजबूती देगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को लेकर शहरी कार्य मंत्रालय के डाटा के मुताबिक पिछले पांच सालों में उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए 3,48,884 आवास स्वीकृत किए गए हैं। यह इसी अवधि में अल्पसंख्यकों के लिए मंजूर किए गए कुल 15,38549 आवासों का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है। यह इस लिहाज से और अधिक अहम है, क्योंकि पिछले पांच सालों में शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत जितने मकान आवंटित किए गए हैं, उनमें अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी लगभग दस प्रतिशत रही है।

उत्तर प्रदेश सबसे आगे

उत्तर प्रदेश का शहरी अल्पसंख्यकों को पीएम आवास आवंटित करने में सबसे आगे रहना उल्लेखनीय है, क्योंकि यह आंकड़ा गांवों में पीएम आवास आवंटन से इतर है। योगी आदित्यनाथ के शासन वाले उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा अथवा उसकी गठबंधन सरकार वाले महाराष्ट्र (131,296), मध्य प्रदेश (105354) और कर्नाटक (74305) भी अल्पसंख्यकों को सबसे अधिक घर देने वाले शीर्ष दस राज्यों में शामिल हैं, जबकि गुजरात भी दसवें स्थान पर मौजूद झारखंड के लगभग बराबर की स्थिति में है। शीर्ष दस राज्यों में आंध्र प्रदेश, बंगाल, तमिलनाडु, केरल भी शामिल हैं, जहां इस योजना ने रफ्तार पकड़ी है।

अल्पसंख्यकों लाभार्थियों की बड़ी संख्या

पूर्वोत्तर में भाजपा की राजनीतिक बढ़त को भी अल्पसंख्यकों लाभार्थियों की बड़ी संख्या से भी जोड़कर देखा जा सकता है। यहां शहरी क्षेत्र में लगभग डेढ़ लाख अल्पसंख्यकों को पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं और इसमें भी हिमंत बिस्वसरमा के नेतृत्व वाले असम में सबसे अधिक 45,183 है। मोदी सरकार ने सभी के लिए आवास मिशन के तहत 2015 में अल्पसंख्यकों समेत सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के आवास देने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। यह मांग आधारित योजना है, जिसके लिए राज्य लाभार्थियों की पहचान करते हैं। आश्चर्यजनक रूप से मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी आबादी वाले तेलंगाना में अब तक केवल 8,914 अल्पसंख्यक लाभार्थियों के लिए पीएम आवास स्वीकृत किया गया है।