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आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अस्वीकार्य : जयशंकर

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मन विदेश मंत्री हेको मास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अफगानिस्तान सम्मेलन को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अस्वीकार्य है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 12:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 12:57 AM (IST)
आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अस्वीकार्य : जयशंकर
आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अस्वीकार्य : जयशंकर

नई दिल्ली, एएनआइ।  पाकिस्तान का नाम लिए बगैर ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल करने को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा है कि किसी भी देश द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की धरती का किसी भी तरीके से इस्तेमाल किया जाना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि तालिबान को इस संबंध में अपनी घोषणा पर खरा उतरना चाहिए।

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जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मन विदेश मंत्री हेको मास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अफगानिस्तान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान में बाहरी खिलाडि़यों के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करना चाहिए, खासकर जो इस कठिन समय में हिंसा को तेज कर रहे हों। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2593 के मुताबिक होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि काबुल से फिर से यात्रा शुरू करना प्राथमिकता है।

बुधवार को ही भारत आए रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव जनरल निकोलाई पात्रुशेव (Nikolai Patrushev) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। रूसी दूतावास ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी और बताया कि सुरक्षा परिषद के सचिव, निकोलाई पेत्रुशेव और भारतीय विदेश मंत्री के बीच रूसी-भारतीय द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों और अफगानिस्तान की स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याएं पर भी बातचीत हुई।

अफगानिस्तान के चिंताजनक हालात के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में निर्देश दिया था कि विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारियों के एक उच्च स्तरीय समूह को भारत की तत्काल प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।'


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