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अमेरिका ने दी भारतीय एयरलाइनों की ग्राउंड हैडलिंग रोकने की चेतावनी, एयर इंडिया को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

अमेरिका ने भारतीय एयरलाइनों को अपने यहां ग्राउंड हैंडलिंग से वंचित करने की चेतावनी दी है। ये चेतावनी भारत में अमेरिकी एयरलाइनों को ग्राउंड हैंडलिंग की छूट न मिलने से दी गई है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 09:18 PM (IST)
अमेरिका ने दी भारतीय एयरलाइनों की ग्राउंड हैडलिंग रोकने की चेतावनी, एयर इंडिया को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
अमेरिका ने दी भारतीय एयरलाइनों की ग्राउंड हैडलिंग रोकने की चेतावनी, एयर इंडिया को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका ने भारतीय एयरलाइनों को अपने यहां ग्राउंड हैंडलिंग क्रियाकलापों से वंचित करने की चेतावनी दी है। ये चेतावनी भारत में अमेरिकी एयरलाइनों को ग्राउंड हैंडलिंग की छूट न मिलने के जवाब में दी गई है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत ने 1 जुलाई तक अमेरिकी एयरलाइनों को ग्राउंड हैंडलिंग आपरेशंस की अनुमति नहीं दी तो अमेरिका भारतीय एयरलाइनों को अपने यहां दी ग्राउंड हैंडलिंग की सहूलियत को वापस ले लेगा।

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अमेरिका की इस चेतावनी के बाद विमानन मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी विमानन मंत्रालय के साथ इस मसले के समाधान को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक जब-जब भारत के साथ व्यापार संबंधी वार्ताएं विफल होती हैं, अमेरिका दबाव बनाने के लिए इस तरीके की चेतावनियां देना शुरू कर देता है। अपनी स्थिति मजबूत करने का उसका ये पुराना तरीका है। भारत को इनसे निपटने की तरकीब मालूम है।

बहरहाल, यदि किसी वजह से विमानन अधिकारियों के बीच भी वार्ताएं विफल होती हैं और अमेरिकी प्रतिबंध लागू होता है तो उस स्थिति में सबसे ज्यादा बुरा असर एयर इंडिया पर पड़ेगा। क्योंकि फिलहाल केवल वहीं अमेरिकी शहरों -वाशिंगटन, न्यूयार्क, शिकागो तथा सैन फ्रांसिस्को के लिए सीधी उड़ाने संचालित करती है और इन हवाई अड्डों पर उसके अपने खुद के ग्राउंड हैंडलिंग ऑपरेशंस हैं, जिनका संचालन आउटसोर्स की हुई दूसरी कंपनियों द्वारा किया जाता है।

भारत ने 2016 में घोषित नई विमानन नीति के तहत विदेशी एयरलाइनों के भारत में ग्राउंड हैंडलिंग आपरेशंस संचालित करने पर रोक लगा दी थी। अमेरिका तभी से इस पाबंदी का विरोध करता रहा है। अभी अमेरिकी एयरलाइनों में केवल यूनाइटेड एयरलाइंस ही एकमात्र एयरलाइन है जो भारत के लिए उड़ाने संचालित करती है। इसके लिए ग्राउंड हैंडलिंग का काम भारतीय एजेंसियां करती हैं। एक अन्य अमेरिकी एयरलाइन डेल्टा ने इस वर्ष के अंत तक भारत के लिए उड़ाने शुरू करने का एलान किया है।

एयर इंडिया की कर्मचारियों को ताकीद
इस बीच एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के मीडिया से बात करने पर सख्त रुख अपनाते हुए एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी सीएमडी की लिखित अनुमति के बगैर न तो मीडिया से बात करेगा और न सोशल मीडिया पर एयरलाइन के बारे में कोई टीका-टिप्पणी, फोटो-वीडियो आदि जारी करेगा। यदि किसी कर्मचारी को ऐसा करते पाया गया उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उक्त निर्देश हाल में एयर इंडिया के कुछ कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां, फोटो और वीडियो डाले जाने के परिप्रेक्ष्य में जारी किया गया है।

जेट के वैदेशिक यातायात अधिकार
उधर जेट एयरवेज के बारे में आई नवीनतम खबर के मुताबिक जेट के पुनरुद्धार की धूमिल उम्मीदों के मद्देनजर विमानन मंत्रालय ने एयरलाइन के वैदेशिक यातायात अधिकार अस्थायी तौर पर दूसरी एयरलाइनों अर्थात इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट को आवंटित करने पर विचार शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में शुक्रवार को मंत्रालय में एक बैठक हुई जिसमें विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने इस आशय के संकेत दिए।

सूत्रों के अनुसार यदि ऐसा होता है तो दूसरी एयरलाइनों को तो फायदा होगा, किंतु जेट एयरवेज की कीमत और घट जाएगी। माना जाता है कि जेट के मुंबई-लंदन, दिल्ली-दुबई और मुंबई-पेरिस जैसे रूट एयर इंडिया और स्पाइसजेट को को दिए जा सकते हैं। हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट स्लॉट की भांति जेट एयरवेज के ट्रैफिक राइट्स भी स्थायी तौर पर देने के बजाय सीमित अवधि के लिए ही दूसरी एयरलाइनों को दिए जाएंगे।

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