पीएम मोदी से मिले अमेरिकी NSA, अातंकवाद सहित कई मुद्दों पर हुई बातचीत
भारत के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी एनएसए ने आज भारतीय एनएसए अजित डोभाल से मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने पीएम माेदी से भी मुलाकात की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । पूर्व ओबामा प्रशासन की कम से कम एक नीति ऐसी है जिसे ट्रंप सरकार न सिर्फ समर्थन करती है बल्कि उसे और तेजी से आगे बढ़ाने जा रही है। यह पॉलिसी है भारत को अमेरिका के सबसे अहम रणनीतिक व रक्षा साझेदार बनाने की। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में परवान चढ़ाया था। मंगलवार को नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एच आर मैकमास्टर ने अपने सरकार की तरफ से इस बात का पूरा भरोसा दिलाया कि भारत को अहम रणनीतिक साझेदार मानने की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
मैकमास्टर ने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल व विदेश सचिव एस जयशंकर से भी मुलाकात की। ये मुलाकातें इसलिए भी अहम है कि पहली ट्रंप प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी भारत की यात्रा पर आया है।मैकमास्टर की भारत यात्रा पर अमेरिकी सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उन्होंने अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी के महत्व को न सिर्फ रेखांकित किया बल्कि भारत को अमेरिका के अहम रक्षा साझेदार के तौर पर चिन्हित किया। दोनो पक्षों के बीच आपसी हितों से जुड़े, रक्षा सहयोग और आतंकवाद रोधी विषय पर विस्तार से चर्चा हुई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भी बताया गया है कि रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई है। मैकमास्टर ने दक्षिण एशिया के हालात के साथ ही, उत्तरी कोरिया और खाड़ी क्षेत्र के हालात के बारे में पीएम मोदी से बात की है। दोनो पक्ष इस बात के लिए एक बार फिर सहमत हुए हैं कि आतंकी चुनौतियों का सामना करने के लिए आपसी सहयोग बढाया जाएगा।मोदी को दिया आमंत्रणमाना जा रहा है कि अमेरिकी एनएसए ने पीएम मोदी को अमेरिका आने के लिए आमंत्रित किया है। इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है हालांकि सूत्रों का कहना है कि मैकमास्टर की यात्रा से पीएम मोदी की भावी अमेरिकी यात्रा की जमीन तैयार करने में सहूलियत मिली है।
पिछली बार जब ट्रंप व मोदी के बीच टेलीफोन पर बात हुई थी तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को आमंत्रित किया था। दोनो देशों के बीच पीएम की यात्रा के दिन तय किये जा रहे हैं।मैकमास्टर अफगानिस्तान व पाकिस्तान की यात्रा के बाद भारत पहुंचे थे। पाकिस्तान यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी हुक्मरानों को यह सख्त संदेश दिया है कि वे अपने हिसाब से कुछ चयनित आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय हर तरह के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
साथ ही पाकिस्तान को उन्होंने यह भी सलाह दी है कि उसे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए किसी छिपी हुई रणनीति की नहीं। माना जा रहा है कि यह बात उन्होंने पाकिस्तान को आतंक की राह छोड़ने के लिए कही थी।