पाकिस्तान को रास्ते पर लाने में अमेरिका की होगी बड़ी भूमिका: ICG
इस्लामाबाद तालिबान और काबुल के बीच बातचीत कराने में भूमिका निभाने का अनिच्छुक है और लगातार अफगानी आतंकियों को समर्थन दे रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन । पाकिस्तान पर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को उसके समर्थन पर दोबारा विचार करने के लिए दबाव डालने में अमेरिका की केंद्रीय भूमिका होगी। यह कहना है इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) का जो हिंसक संघर्षों पर रिसर्च करने वाला थिंक टैंक है। ICG ने इस साल के लिए अपनी पहली वॉच लिस्ट 2017 में कहा है कि अमेरिका ही पाकिस्तान पर दबाव डालने के लिए सबसे मुफीद है।
ICG रिपोर्ट के एक हिस्से में 'अफगानिस्तान: बढ़ती चुनौतियां' शीर्षक के तहत बताया है कि अफगानिस्तान के पड़ोसी आक्रामक हैं और आतंकवाद को अपने राष्ट्रीय हितों वाला समझकर उसे बढ़ावा दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'पाकिस्तान का मामला सबसे महत्वपूर्ण है जिसका अफगानिस्तान के साथ तनाव जारी है।
इस्लामाबाद तालिबान और काबुल के बीच बातचीत कराने में भूमिका निभाने का अनिच्छुक है और लगातार अफगानी आतंकियों को समर्थन दे रहा है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के आतंकवादियों को न सिर्फ अपने यहां महफूज पनाह दे रहा है बल्कि उन्हें भर्ती करने, फंड जुटाने, हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने की छूट भी दे रहा है।
ICG की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच करीबी रिश्तों को पाकिस्तान अपने खिलाफ देखता है और उकसाने वाला मानता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में यह अमेरिका की जिम्मेदारी है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करे और आतंकवाद को उसका समर्थन देना बंद करवाए।
ICG ने कहा है कि पाकिस्तान को रास्ते पर लाने के लिए अमेरिका की केंद्रीय भूमिका होगी। इसके लिए अमेरिका को शर्त लगानी चाहिेए कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में गंभीर नहीं दिखा तो उसे दी जाने वाली अमेरिकी सैन्य मदद में कटौती की जाएगी। इस तरह अमेरिका को पाकिस्तान पर दबाव बनाकर अफगानिस्तान और विद्रोहियों को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए उसे मजबूर करना चाहिए।
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