भारत में निवेश को तैयार अमेरिकी निवेशक
अमेरिकी दूतावास (नई दिल्ली) के साइंस और टेक्नोलॉजी अफेयर्स के प्रमुख चैड आर. नोरबर्ग ने कहा कि अमेरिकी निवेशक भारत में निवेश करने को तैयार बैठे हैं। इंतजार है तो बस यहां के नियम कानून में बदलाव का।
जागरण संवाददाता, वाराणसी । अमेरिकी दूतावास (नई दिल्ली) के साइंस और टेक्नोलॉजी अफेयर्स के प्रमुख चैड आर. नोरबर्ग ने कहा कि अमेरिकी निवेशक भारत में निवेश करने को तैयार बैठे हैं। इंतजार है तो बस यहां के नियम कानून में बदलाव का। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरा के वक्त निवेश के लिए कानून में परिवर्तन का भरोसा दिलाया था।
वह शुक्रवार को इंडो-अमेरिकन चेंबर ऑफ कामर्स (आइएसीसी) वाराणसी इकाई द्वारा छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि भारत व अमेरिकी संबंधों को आपसी मजबूती देने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच निवेश जरूरी है। दोनों देश नियम व कानून पर विश्वास करते हैं। मोदी सरकार आने के बाद अमेरिका व भारत के संबंध बढ़े हैं। अमेरिका में भारत विरोधी व मोदी विरोधी लोगों की सोच बदली है। पिछली सरकार की अपेक्षा मोदी सरकार में अमेरिका वालों का विश्वास बढ़ा है।
कालीन उद्योग की समस्याओं को लेकर अमेरिकी सरकार जल्द ही कोई ठोस निर्णय ले सकती है, जिसकी रूप रेखा तैयार कर विचार किया जा रहा है। यूपी में नियम कानून ठीक नहीं है जिस पर नोरबर्ग ने आइएसीसी को मुख्यमंत्री से बात करने के लिए अधिकृत किया है। इस पर आइएसीसी जल्द ही एक कमेटी बनाकर सीएम से मुलाकात करेगी। यूपी में कोई भी अधिकारी नीतियों को लेकर गंभीर नही है।
उन्होंने कहा कि हस्तनिर्मित कालीन में बाल श्रम को लेकर अमेरिका में प्रतिबंध है। अमेरिका में अलग-अलग राज्यों के अपने कानून हैं। अमेरिका में 14 से 16 वर्ष के किशोरों को बाल श्रमिक माना जाता है। इसे लेकर अमेरिकी सरकार विश्वस्तर पर एक समान कानून बनाने जा रही है ताकि हस्तनिर्मित कालीन को प्रोत्साहन मिले और कारोबार बढ़े।
कार्यक्रम का शुभारंभ आइएसीसी वाराणसी के चेयरमैन अरुण अग्रवाल व संचालन पूर्व चेयरमैन मुकुल कुमार शाह ने किया। संगोष्ठी में आइएसीसी (नई दिल्ली) के क्षेत्रीय अध्यक्ष डा. ललित भसिन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।