भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक ने अपने गे पार्टनर से महाराष्ट्र में रचाई शादी
ऋषि के सोशल मीडिया प्रोफाईल से पता चलता है कि, उसके माता-पिता समलैंगिक शादी से नाखुश थे लेकिन बागद में ऋषि ने उन दोनों को मनाने में सफल हो गए।
यवतमाल (एएनआई)। भारतीय मूल के एक अमेरिकी इंजीनियर ने अपने गे पार्टनर से महाराष्ट्र में के यवतमाल में 30 दिसंबर को पारंपरिक तरीके से शादी की। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता के अपराधीकरण की पुन: समीक्षा के लिए सहमति प्रदान की है।
बताया जाता है कि यवतमाल निवासी 40 वर्षीय ऋषि मोहनकुमार सथावाने ने अपने दोस्तों और परिवार के समक्ष विन्ह के साथ शादी रचाई। ऋषि जिसने आईआईटी बांबे से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की है वर्तमान में वे कैलिफोर्निया में रहते हैं साथ ही उनके पास अमेरिकी ग्रीन कार्ड भी उपलब्ध है।
ऋषि के सोशल मीडिया प्रोफाईल से पता चलता है कि, उसके माता-पिता समलैंगिक शादी से नाखुश थे लेकिन बाद में ऋषि ने उन दोनों को मनाने में सफल हो गए।
क्या कहता है भारतीय सुप्रीम कोर्ट
भारत में समलैंगिक विवाह को अब तक कानूनी मंजूरी नहीं मिली है। समलैंगिक विवाह को अपराध मानने वाली धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार विचार किए हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में समलैंगिक जोड़ों के लिए एक राहत भरी खबर दी है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस धारा पर फिर से विचार करेगी। धारा 377 को रद करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये मामला बड़ी पीठ के पास भेजा है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वे अपनी इस पहचान के कारण भय के माहौल में जी रहे हैं। उनका कहना है कि अगर धारा को रद कर दिया जाता है तो वे भी समाज में सम्मानपूर्वक रह सकते हैं। कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।
क्या है धारा 377
धारा 377 के तहत देश के सभी समलैंगिंक, ट्रांसजेंडर आदि आते हैं। लॉर्ड मैकाले द्वारा 1860 में इस पर कानून बनाने पर सहमति हुई थी। इसी कानून को आज धारा 377 के रूप में जाना जाता है। इसके तहत अगर कोई महिला या पुरुष अपने समान लिंग वाले महिला या पुरुष से संबंध बनाते हैं तो यह अपराध होगा और इसके लिए उसे सजा दी जा सकती है।
किन देशों में मिल चुकी है मान्यता
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों को विवाह का अधिकार दे दिया है। इसके साथ ही अमेरिका समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाले 26 देशों की सूची में शामिल हो गया है। बता दें कि इससे पहले स्लोवेनिया, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, चीन और आयरलैंड समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दे चुके हैं।ताइवान एशिया का पहला ऐसा देश है जहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी गई है।
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