Indo-US Cooperation: अमेरिका की प्रभारी राजदूत ने सीरम मुख्यालय का किया दौरा, कहा- कोरोना के दौरान भारत ने निभाई सराहनीय भूमिका
अमेरिका की प्रभारी राजदूत ने कहा स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत और उनके देश के संबंधों का लोगों को मिला लाभ। भारत-अमेरिकी द्विपक्षीय संबंधों के 75 साल पूरे होने पर नोवोवैक्स के सीईओ के साथ सीरम मुख्यालय का किया दौरा।
पुणे, एजेंसियां। भारत में अमेरिका की प्रभारी राजदूत पैट्रीसिया लैसिना और नोवोवैक्स कंपनी के सीईओ स्टेनली सी एर्क ने कोरोना महामारी के दौरान भारत और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (सीआइआइ) द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है। प्रभारी राजदूत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमेरिका और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का दोनों देशों के साथ-साथ विश्व स्तर पर लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर लैसिना, एर्क, मुंबई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइक हैंकी के साथ एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने सीआइआइ के मुख्यालय का दौरा किया और कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला से मुलाकात की।
पैट्रीसिया लैसिना ने कहा कि मौजूदा समय की चुनौतियों के समाधान के लिए दोनों देशों की साझेदारी महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच सार्वजनिक-निजी आर्थिक साझेदारी ने हमारे लोगों के स्वास्थ्य व समृद्धि को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीरम इंस्टीट्यूट आकर वह बहुत खुश है, जिसने कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नोवोवैक्स के सीईओ एर्क ने कहा कि विनाशकारी महामारी के दौरान भारत ने अहम भूमिका निभाई। भारत दुनिया में तेजी से बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। सभी मोर्चो पर उसका मजबूत प्रभाव जारी रहेगा।
अमेरिका और भारत के संबंध पहले से और ज्यादा मजबूत हुए हैं। नोवोवैक्स और सीरम इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि सीरम नोवोवैक्स की कोरोना रोधी वैक्सीन का विकास और उत्पादन कर रही है। सीरम इसका कोवोवैक्स के नाम से उत्पादन करती है। यूरोप, आस्ट्रेलिया और अमेरिका समेत कई देशों में सीरम इसका निर्यात भी कर रही है।
भारत-अमेरिकी सहयोग प्रेरणादायक
पूनावाला ने कहा कि भारत और अमेरिका लंबे समय से एक करीबी सहयोगी हैं। दोनों ने साथ मिलकर कई मुकाम हासिल किए हैं, जिससे नागरिकों और दुनिया को बड़े पैमाने पर लाभ हुआ है। कोरोना महामारी के दौरान पीडि़तों को राहत पहुंचाने और वैश्विक टीकाकरण में दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग प्रेरणादायक रहा है।