पासपोर्ट हो, टैक्सी हो या हो कस्टमर केयर, धर्म के नाम पर हंगामा क्यों है बरपा?
अकेले इस हफ्ते में ही तीन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसने हिंदू-मुस्लिम की दबी चिंगारी को हवा दी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। लोगों के बीच धर्म विशेष को लेकर कुछ मतभेद उभर कर सामने आए हैं। बीते दिनों कुछ घटनाएं सामने आईं हैं जो बहुत कुछ कह रही हैं। अभी इस हफ्ते में ही अकेले तीन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते किसी के धर्म विशेष का होने की बात सामने आई और फिर अटपटी स्थिति पैदा हो गई।
फिर बात चाहे धर्म विशेष का कस्टमर केयर प्रतिनिधि मांगने की हो या फिर दो अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखने वाले पति-पत्नी के पासपोर्ट बनवाने की। या फिर बात हो ओला ड्राइवर के ये कहकर सवारी को बीच रास्ते छोड़ देने की कि अमुक क्षेत्र तो 'धर्म विशेष इलाका' है, वह नहीं जाएगा। इन तीनों ही मामलों के मीडिया में आने के बाद खूब सुर्खियां बटोरी और देश में फिर से हिंदू बनाम मुस्लिम की बहस छेड़ दी। आइए जानते हैं विस्तार से क्या हैं ये तीनों मामले।
जब ओला ड्राइवर ने कहा- 'मुस्लिम इलाके' में नहीं जाउंगा
रविवार का दिन था और हर ओऱ ईद की बधाइयां दी जा रही थीं। दिल्ली के पत्रकार अशद अशरफ ने भी दोस्तों के साथ ईद मनाई और फिर घर लौटने के तैयारी की। बीके कॉलोनी से घर लौटने के लिए उसने ओला कैब बुक की। थोड़ी देर बाद कैब भी पहुंच गई। असद कैब में बैठा और ड्राइवर को जामिया नगर चलने को कहा। इसके बाद जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ असद को डरा दिया बल्कि वह जिंदगी भर इस घटना को याद नहीं करना चाहेगा।
असद का आरोप है कि ड्राइवर ने उनके घर यानि जामिया नगर जाने से मना कर दिया। असद के मुताबिक ड्राइवर ने उसे बीच रास्ते छोड़ दिया और कहा कि जामिया नगर मुस्लिम कॉलोनी है, इसीलिए वहां नहीं जाऊंगा। जब उसने ड्राइवर से आगे पूछने की हिम्मत की तो उसे अंजाम भुगतने की भी धमकी दी गई। इसके बाद असद ने इस पूरे वाकये की जानकारी अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट लिखकर दी। वहीं, ओला का कहना है कि उसने ड्राइवर को हटा दिया है।
एयरटेल कस्टमर केयर से बोली ग्राहक- मुस्लिम प्रतिनिधि नहीं चाहिए
लखनऊ की रहने वाली पूजा नाम की महिला के पास एयरटेल का डिश कनेक्शन है। कुछ परेशानी के कारण उसने कस्टमर केयर से संपर्क किया। जहां शोएब नाम के शख्स ने उनकी कॉल उठाई। जैसे शोएब ने अपना नाम बताया तो पूजा ने कहा कि इनकी बात किसी हिंदू प्रतिनिधि से करवाई जाए जिसके बाद कंपनी ने गगनजोत को यह काम सौंपा।
पूजा ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'डियर शोएब, आप एक मुस्लिम हो और मुझे आपके काम करने के तरीके में कोई आस्था नहीं है। इसलिए आपसे अपील करती हूं कि किसी हिंदू प्रतिनिधि से बात करवाएं।'
पूजा के इस कमेंट को लेकर सोशल मीडियाम में नई बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने ट्वीट कर पूजा को अपशब्द तक कहे। विवाद बढ़ता देख एयरटेल ने ट्वीट कर पूरे मामले में सफाई देते हुए लिखा है कि कंपनी अपने कर्मचारियों और साझेदारों के बीच जाति और धर्म का भेद नहीं करती। हम अपील करते हैं कि आप भी ऐसा ना करें।
शादी में धर्म आड़े नहीं आया था मगर पासपोर्ट में आ गया!
एक लड़की के मुस्लिम युवक के साथ प्रेम विवाह के बाद भी अपना नाम न बदलने पर कल उनका पासपोर्ट नहीं बन सका। दंपती की अर्जी इसलिए खारिज कर दी, दोनों अलग-अलग धर्म के हैं। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने नियम का हवाला दिया तो लड़की ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप पर तनवी सेठ का नया पासपोर्ट बनाया गया है जबकि उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट का रिन्यू हुआ है।
दरअसल, लखनऊ की तन्वी सेठ ने 2007 में मोहम्मद अनस सिद्दीकी से शादी की थी। उनकी छह साल की बेटी है। दोनों ने शादी के बाद से अपने नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया। दोनों ने 19 जून को अपने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पासपोर्ट फार्म में विवाह के बाद नाम बदलने की प्रक्रिया का कोई भी प्रमाण पत्र न होने के कारण इनका फार्म अस्वीकृत कर दिया गया।
इनके पासपोर्ट के आवेदन में इन दोनों के अलग-अलग धर्म का पेंच फंस गया। जब पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों ने लड़की से उसके नाम न बदलने पर घोषणा पत्र मांगा तो वह भड़क गई। लड़की ने आरोप लगाया है कि उसे गैर धर्म में शादी करने की बात कहते हुए ही आवेदन निरस्त किया गया। लड़की ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर इस प्रकरण की शिकायत की। विदेश मंत्री के हस्तक्षेप के बाद जाकर मामला सुलझ सका।