Unnao Murder Case: ये तस्वीरें आपको कर सकती हैं विचलित, जलाया नहीं दफनाया जाएगा शव
गुरुवार रात आठ से साढ़े आठ बजे के दौरान पीड़िता बात कर पा रही थी। वह अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भइया क्या में बच जाऊंगी मैं जीना चाहती हूं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। दुष्कर्म की वारदातें सामने आना, एक आम बात हो चली है। देश में आए दिन कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। तेलंगाना के हैदराबाद में हाल ही में एक मामला सामने आया था, जिसमें लड़की का दुष्कर्म करके जला दिया गया था। उसके तुरंत बाद उत्तरप्रदेश के उन्नाव में एक दुष्कर्म पीड़िता को जला दिया गया। गुरुवार देर शाम 95 फीसद जली अवस्था में उन्नाव की पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था।
हालांकि, युवती की जान बच नहीं पाई। 25 वर्षीय पीडि़त युवती उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली थीं। पुलिस में दी शिकायत के मुताबिक दो साल पहले शादी का झांसा देकर गांव का ही शिवम रायबरेली ले गया था। वहां शिवम व उसके दोस्त शुभम ने दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया। शुभम को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी थी, जबकि शिवम नौ माह रायबरेली जेल में रहकर 30 नवंबर को जमानत पर छूटा था।
आरोपित लगातार मुकदमा वापसी का दबाव बना रहा था। गुरुवार सुबह पीड़िता बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। गांव से लगभग तीन सौ मीटर दूर रास्ते में शिवम त्रिवेदी और उसके साथ कुछ लोगों ने रोका और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी और भाग निकले। पुसिल फिर युवती को सुमेरपुर सीएचसी ले गई, जहां से उसे जिला अस्पताल और वहां से लखनऊ ले जाकर सुबह साढ़े दस बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में भर्ती कराया गया।
लखनऊ से एयर एंबुलेंस के जरिये रात सवा आठ बजे दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। वहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सफदरजंग अस्पताल लाया गया। बता दें कि लपटों से घिरी पीड़िता बचाने की गुहार लगाते हुए आधा किलोमीटर तक दौड़ती रही। अंत में एक गैस एजेंसी के गोदाम के पास तक आते ही वह गिर गई। शोर सुन बाहर निकले गार्ड ने आग बुझाकर यूपी 112 पर सूचना दी।
पीड़िता का इलाज कर रहे बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात 11.10 बजे पीडि़ता को दिल का दौरा पड़ा और 11.40 पर सांस टूट गई। इससे पूर्व दिन में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने दिन में बताया था कि ऐसे गंभीर मामलों में इलाज बहुत मुश्किल होता है। गुरुवार रात आठ से साढ़े आठ बजे के दौरान पीड़िता बात कर पा रही थी। वह अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भइया क्या में बच जाऊंगी, मैं जीना चाहती हूं। आरोपितों को छोड़ना नहीं है। इस दौरान उन्हें सांस लेने और बोलने में काफी तकलीफ भी हो रही थी।
पीड़िता के भाई ने अपने बयान में कहा ' हम अपनी बहन का शव नदी में नहीं बहाएंगे। मेरी बहन अग्निपरीक्षा पहले ही पास कर चुकी है, इसलिए हम अपनी बहन को धरती मां की गोद में सुलाएंगे। यानी दफन करेंगे।' बता दें कि शव का पोस्टमार्टम हो चुका है। कुछ दूर बाद शव को दफनाने के लिए सड़क मार्ग से उन्नाव ले जाया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को 6.30 घंटे में शव पीड़िता के गांव पहुंचेगा।
मृत युवती के बयान के आधार पर सभी आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनकी पेशी से पहले हैदराबाद एनकाउंटर होने से उसके दोहराव का खतरा था। इस कारण आरोपित शिवम त्रिवेदी, उसके पिता रामकिशोर, प्रधान पुत्र शुभम त्रिवेदी व हरिशंकर त्रिवेदी और उमेश बाजपेई (पंचायत मित्र) को शुक्रवार सुबह सुमेरपुर सीएचसी में मेडिकल चेकअप कराकर पुलिस बिहार थाने में बैठाए रही। कभी पुरवा कोर्ट तो कभी उन्नाव में पेशी की बातें हुईं। पेशी शाम छह बजे उन्नाव में तब हुई, जब बाकी कोर्ट बंद हो चुकी थीं। इस दौरान सभी चौराहों व नाकों पर पुलिस डटी रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और बालिका की मृत्यु को अति दुखद बताया है। उन्होंने परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मैं पीड़ित परिवार को विश्वास दिलाता हूं कि हम दोषियों को नहीं बख्शेंगे, उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलवाएंगे।