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उन्नाव दुष्कर्म मामलाः इंसाफ के इंतजार में 5 केस, अभी तक मिली तारीख पर तारीख

उन्नाव दुष्कर्म मामले ने फिर राजनीति और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। पढ़ें- कौन से हैं वो पांच केस जिनमें से चार दिल्ली ट्रांसफर किये गए और क्या है उनकी मौजूदा स्थिति?

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 01:41 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 03:44 PM (IST)
उन्नाव दुष्कर्म मामलाः इंसाफ के इंतजार में 5 केस, अभी तक मिली तारीख पर तारीख
उन्नाव दुष्कर्म मामलाः इंसाफ के इंतजार में 5 केस, अभी तक मिली तारीख पर तारीख

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। उन्नाव का बहुचर्चित दुष्कर्म कांड इन दिनों सुर्खियों में है। एक बार फिर इस केस ने देश की राजनीति को शर्मशार किया है। इस केस ने ये भी साबित कर दिया कि कैसे कानून कुछ प्रभावशाली लोगों के हाथों की कठपुतली बन सकता है। इस केस में भी सत्ताधारी दल के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि उन्होंने न केवल नाबालिक से दुष्कर्म जैसे संगीन केस में खुद को बचाने का प्रयास किया, बल्कि पीड़िता और उसके परिवार का मुंह बंद कराने के लिए पुलिस के साथ मिलकर गंभीर आपराधिक साजिशों को भी अंजाम दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े पांच मामलों में से चार को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना के पांचवें मामले को तकनीकी वजहों से यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। जानें- कौन से हैं वो पांच केस और कैसे दो साल से दहशत में है पीड़ित परिवार।

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उन्नाव दुष्कर्म मामले में दर्ज 5 केस
केस-1 : नाबालिक का अपहरण कर दुष्कर्म और शादी के लिए दबाव बनाने का मुकदमा। पुलिस पर पक्षपात पूर्ण जांच करने का आरोप लगने पर मामला सीबीआई को ट्रांसफर। 12 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने आईपीसी की धारा- 363, 366, 376, 506 और ¾ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। केस में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह आरोपी हैं। लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में 11 जुलाई 2018 को चार्जशीट दायर हुई। अभी भी केस का ट्रायल चल रहा है।

केस-2 : पीड़िता के पिता संग हुई मारपीट मामले में उन्हीं के खिलाफ दूसरे पक्ष को जानबूझकर चोट पहुंचाने, आपराधिक घटना को अंजाम देने और अवैध हथियार रखने का मामला। आईपीसी की धारा- 323, 504, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज। पुलिस ने पीड़िता के पिता को आरोपी बना जेल भेजा गया। मामला सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद 12 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने पीड़िता के पिता को फर्जी मुकदमें में फंसाने और उनके खिलाफ फर्जी सबूत तैयार करने की रिपोर्ट दर्ज की। इस केस में सीबीआई ने माखी थाने के तत्कालीन एसएचओ और एक दरोगा समेत आठ लोगों को आरोपी बनाते हुए 14 जुलाई 2018 को लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दायर की। इस केस का भी ट्रायल चल रहा है।

केस-3 : पीड़िता के पिता संग मारपीट मामले में ही दूसरे पक्ष के खिलाफ दंगा फैलाना, जानबूझकर चोट पहुंचाना और आपराधिक कृत्य करना। पुलिस ने आईपीसी की धारा- 147, 323 व 504 के तहत केस दर्ज किया। इस मामले में भी सीबीआई ने 12 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की जेल में हत्या करने का मामला दर्ज किया। सीबीआई ने इस केस में दूसरे पक्ष के विनीत, बऊवा, शैलू, सोनू और अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया। इस केस का भी अभी कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।

केस-4 : नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर जबरन शादी का दबाव बनाना और सामुहिक दुष्कर्म मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 16 अप्रैल 2018 को आईपीसी की धारा- 363, 366, 376डी और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। मामले में पीड़िता का अपहरण करने वाले युवक अवधेश तिवारी और शुभम को आरोपी बनाया गया। इस केस की जांच अभी चल रही है।

केस-5 : 28 जुलाई को रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र में ट्रक ने पीड़िता की कार में टक्कर मारी। कार पीड़िता के वकील की थी। दुर्घटना में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हैं। 29 जुलाई 2018 को मामले में रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में पुलिस ने आईपीसी की धारा- 302, 307, 506 व 120बी के तहत हत्या, जानलेवा हमला, जान से मारने की धमकी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया। इस केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसका भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह के अलावा वकील अवधेश सिंह सहित 15-20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। ये केस भी सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है, जांच जारी है।

100 दिन से तीन मामलों की सुनवाई ठप
- उन्नाव दुष्कर्म केस में सीबीआई ने कुल पांच एफआईआर दर्ज की है। इनमें से तीन मुकदमों की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में 100 दिनों से थमी हुई है।
- इन तीन केस में उन्नाव का चर्चित दुषकर्म कांड, पीड़िता के पिता को अवैध असलहे के साथ फर्जी मुकदमें में जेल भेजना और जेल में पीड़िता के पिता की हत्या का मामला शामिल है।
- उपर्युक्त तीनों मामले लखनऊ स्थित सीबाआई की विशेष अदालत-4 में विचाराधीन हैं। 16 अप्रैल से सीबीआई की ये विशेष अदालत खाली पड़ी है।
- सीबीआई जुलाई 2018 में ही इन तीनों केस में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
- पीड़िता संग दुष्कर्म और उसके पिता को अवैध असलहे के फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने के मामलों में विधायक सेंगर अभियुक्त है।
- फर्जी मुकदमे में पीड़िता के पिता को जेल भेज हत्या कराने के मामले में अभियुक्तों पर आरोप भी तय हो चुके हैं।

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