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फसल बचाने में मदद करेगा मानव रहित हेलिकॉप्टर

बिना पायलट का हेलिकॉप्टर (रोटरी विंग अनमैंड एयर व्हीकल) फसलों का जायजा लेकर उन पर मंडराते खतरों से किसानों को आगाह कर देगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2016 09:44 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2016 07:46 AM (IST)
फसल बचाने में मदद करेगा मानव रहित हेलिकॉप्टर

विक्सन सिक्रोड़िया, कानपुर। बिना पायलट का हेलिकॉप्टर (रोटरी विंग अनमैंड एयर व्हीकल) फसलों का जायजा लेकर उन पर मंडराते खतरों से किसानों को आगाह कर देगा। आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने देश का ऐसा पहला अनमैंड हेलिकॉप्टर विकसित किया है जो कंप्यूटर पर अंगुलियों के इशारे पर हवा में दूरियां तय करेगा।

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मार्च व अप्रैल माह में यह हेलिकॉप्टर कानपुर के कुरसौली व लोहारखेड़ा गांव में खेतों में खड़ी फसलों का मुआयना करने के लिए उतरेगा। उन्नाव के दो अन्य गांवों में भी यह खेतों का अध्ययन करेगा। इस हेलिकॉप्टर को विकसित करने में करीब पांच साल लगे।

खुद के वजन के अलावा यह दो किलोग्राम अतिरिक्त वजन उठाकर महज 650 मिलीलीटर पेट्रोल के सहारे एक घंटे तक हवा में रह सकता है। एयरोस्पेस विभाग में प्रोफेसर सी वेंकटेशन, असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक व मंगल कोठारी की टीम इस पायलट रहित हेलिकॉप्टर का परीक्षण कर चुकी है।

असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक ने बताया कि यह हेलिकॉप्टर शुरुआती दौर में आईआईटी की कंपनी वेदर रिस्क के लिए काम करेगा। इसमें इतने नीचे जाने की क्षमता है कि खेतों में खड़ी फसलों की पिक्चर यह बहुत करीब से ले सकता है। हम परीक्षण में यही करेंगे।

कई पिक्चरों को मिलाकर एक बड़ी पिक्चर तैयार करके फसलों की पैदावार, उसमें लगने वाले कीट व अन्य रोगों का अध्ययन किया जाएगा। यह भी अनुमान लगाया जा सकेगा कि फसलों के बढ़ने के दौरान उन पर क्या क्या प्रभाव पड़ रहा है। भविष्य में फसलों के बीमा के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

40 किलोमीटर दूर से किया जा सकता है नियंत्रित

मानव रहित हेलिकॉप्टर को अधिकतम 40 किलोमीटर दूर से नियंत्रित किया जा सकता है। यह इस पर लगने वाले एंटीना पर निर्भर करता है कि वह कितना पावरफुल है? वैसे खेतों के परीक्षण के दौरान इस हेलिकॉप्टर को पांच किलोमीटर की दूरी से नियंत्रित किया जाएगा। अधिकतम तीन किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता रखने वाले इस हेलिकॉप्टर का वजन महज 10 किलोग्राम है।

सॉफ्टवेयर की भाषा पर करेगा काम

असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक ने बताया कि आईआईटी में विकसित सॉफ्टवेयर पर हेलिकॉप्टर काम करेगा। सॉफ्टवेयर के जरिए ही उसे कमांड दी जाएगी। यह एक ऐसे कंप्यूटर (टफ बुक) के जरिए नियंत्रित किया जा रहा है जो वाटरप्रूफ व अनब्रेकेबल है जबकि आम हेलिकॉप्टर रिमोट के सहारे चलाए जाते हैं जो कुछ दूरी तक उड़ते हैं।

रिमोट छोड़ देने पर वह गिर जाते हैं जबकि इसमें एक बार आदेश देने के बाद इसे नियंत्रित करने की जरूरत नहीं पड़ती है।


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