Move to Jagran APP

विश्वविद्यालयों को अब भारी पड़ेगी डिजिटल तकनीक से बेरूखी, यूजीसी करेगी सख्‍ती

उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय स्तरीय बनाने में जुटी सरकार फिलहाल ऐसे विश्वविद्यालय और कालेजों से नाखुश है जो डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल की दौड़ में अभी भी पिछड़े हुए है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 10:53 PM (IST)
विश्वविद्यालयों को अब भारी पड़ेगी डिजिटल तकनीक से बेरूखी, यूजीसी करेगी सख्‍ती
विश्वविद्यालयों को अब भारी पड़ेगी डिजिटल तकनीक से बेरूखी, यूजीसी करेगी सख्‍ती

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय स्तरीय बनाने में जुटी सरकार फिलहाल ऐसे विश्वविद्यालय और कालेजों से नाखुश है जो डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल की दौड़ में अभी भी पिछड़े हुए है। यूजीसी अब ऐसे सभी संस्थानों के खिलाफ सख्ती की तैयारी में है।

loksabha election banner

इसे लेकर देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल का ब्यौरा मांगा है। यूजीसी पहले भी डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विश्वविद्यालयों और संस्थानों को निर्देश देती रही है।

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुताबिक रिपोर्ट आने के बाद ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही इन्हें दी जाने वाली वित्तीय मदद को भी रोकने का फैसला लिया जा सकेगा।

फिलहाल यह सारी कवायद पिछले दिनों अलीगढ़, इलाहाबाद विवि सहित कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों की कराई गई ऑडिट के बाद शुरू हुई है, जिसमें यह जानकारी निकलकर सामने आयी थी, कि विवि अभी भी डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल में काफी पीछे है।

सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने इस रिपोर्ट के बाद यूजीसी से ऐसे संस्थानों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मंत्रालय की नाखुशी इस बात को लेकर भी थी, कि क्योंकि सरकार की प्राथमिकता का विषय होने के बाद भी वह इस दौड़ में पीछे है।

सरकार का मानना है कि उच्च संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उन्हें तकनीक से लैस करना जरूरी है, क्योंकि इसके बगैर वह देश-दुनिया की नई जानकारियों से वंचित रहेंगे। इसे लेकर सभी कक्षाओं को डिजिटल तकनीक से जोड़ना जरूरी है।

सरकार फिलहाल इस कड़ी में अलग-अलग विषयों से जुड़े विद्वानों के बड़ी संख्या में डिजिटल लेक्चर तैयार कराए है, जिसे डिजिटल तकनीक के जरिए वह छात्रों तक पहुंचाना चाहती है। वैसे भी तेजी से बदलती दुनिया में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल जरूरी हो गया है।

इन सात बिंदुओं से जुड़ा ब्यौरा मांगा
यूजीसी ने डिजिटल इस्तेमाल को परखने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों से सात बिंदुओं के जरिए जानकारी मांगी है। इनमें पूछा गया है, कि क्या आप डिजिटल बोर्ड का इस्तेमाल करते है। कितने ऐसे बोर्ड लगे है संस्थान में। एलसीडी प्रोजेक्टर कितने इस्तेमाल हो रहे है। टीवी स्कीन कितनी है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी आदि की ओर से तैयार कराए गए कितने ऑनलाइन लेक्चर दिखाए गए। कब से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे है। साथ ही इसका लाभ कितने छात्रों और शिक्षकों को अब तक मिला है।
 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.