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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने कहा- तलाक मामला लंबित रहते भी दिवंगत कर्मी की बेटी पेंशन पाने की अधिकारी

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को बताया कि तलाक की याचिका लंबित रहने के दौरान भी दिवंगत केंद्रीय कर्मचारी की बेटी अब पारिवारिक पेंशन पाने की अधिकारी है। पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए नियमों में ढील दी गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 11:05 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने कहा- तलाक मामला लंबित रहते भी दिवंगत कर्मी की बेटी पेंशन पाने की अधिकारी
पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए नियमों में ढील दी गई है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को बताया कि तलाक की याचिका लंबित रहने के दौरान भी दिवंगत केंद्रीय कर्मचारी की बेटी अब पारिवारिक पेंशन पाने की अधिकारी है।

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कार्मिक मंत्रालय ने दी नियमों में ढील

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में जितेंद्र सिंह के हवाले से कहा गया है, 'पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए नियमों में ढील दी गई है। अब बेटी तब भी पारिवारिक पेंशन पाने की अधिकारी होगी अगर उसका अंतिम रूप से तलाक नहीं हुआ है, लेकिन उसने अपने कर्मचारी माता या पिता के जीवनकाल में ही तलाक याचिका दाखिल कर दी थी।' उन्होंने बताया कि पहले के नियम में तलाकशुदा बेटी को तभी पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार था जबकि उसने अपने कर्मचारी माता या पिता के जीवनकाल में ही तलाक ले लिया हो।

मंत्री जितेंद्र ने कहा- दिव्यांग बच्चों या भाई-बहन को मिलेगी पारिवारिक पेंशन

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिव्यांग बच्चों या भाई-बहन को पारिवारिक पेंशन प्रदान करने के लिए भी आदेश जारी किया गया है। अब दिव्यांगता प्रमाण पत्र अगर पेंशनभोगी माता या पिता की मृत्यु के बाद भी प्रस्तुत किया जाता है तो वे पेंशन पाने के अधिकारी होंगे बशर्ते दिव्यांगता माता-पिता के जीवनकाल में हुई हो। इसी तरह, दिव्यांग पेंशनभोगियों के सहायकों के लिए परिचारक भत्ता 4,500 रुपये से बढ़ाकर 6,700 रुपये कर दिया गया है।

बैंक आने में असमर्थ पेंशनभोगियों को घर पर ही जीवित होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए

बयान के मुताबिक, सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेश में बस गए वरिष्ठ नागरिकों की सहूलियत के लिए भारतीय दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और उच्चायोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वहीं उन्हें जीवित होने का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं और पारिवारिक पेंशन शुरू कराएं। पेंशन वितरित करने वाले सभी बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि बैंक आने में असमर्थ पेंशनभोगियों को घर पर ही जीवित होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।


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