Move to Jagran APP

कंटेनमेंट और बफर जोनों में मातृ, नवजात संबंधी सेवाओं के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्रजनन मातृ नवजात शिशु बाल और किशोर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सेवाएं सीमित तरीके से जारी रहनी चाहिए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 09:08 PM (IST)
कंटेनमेंट और बफर जोनों में मातृ, नवजात संबंधी सेवाओं के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं
कंटेनमेंट और बफर जोनों में मातृ, नवजात संबंधी सेवाओं के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंटेनमेंट (Containment) और बफर जोन (Buffer zones) में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कहा है कि इन इलाकों में प्रजनन (maternal cases), मातृ (maternal cases), नवजात शिशु (newborn cases), बाल और किशोर (child and adolescent health) स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सेवाएं सीमित तरीके से जारी रहनी चाहिए। मंत्रालय ने सख्‍त लहजे में हा है कि उक्‍त सेवाएं देने के लिए कोरोना जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है।

loksabha election banner

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कोरोना महामारी के दौरान और बाद में प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं संबंधी प्रावधानों पर मार्गदर्शक नोट जारी किया। इसमें कहा गया है कि हर हाल में जच्चा-बच्चा की साथ साथ देख-रेख होनी चाहिए। यही नहीं कोरोना से जुड़ी परिस्थिति चाहे जो भी हो प्रसव के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान कराया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश में साफ कहा गया है कि मां को फेस मास्क पहनना होगा और बच्चे को स्तनपान कराने से पहले हाथों की अच्छी तरह से सफाई करनी होगी।

मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि महिलाओं, शिशुओं और बच्‍चों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएं चाहे उनकी कोरोना संबंधी परिस्थिति कुछ भी हो। सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि किसी भी स्थिति में महिलाओं, शिशुओं और बच्‍चों को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए। इन सेवाओं के लिए कोविड-19 की जांच अनिवार्य नहीं है। ऐसे में आईसीएमआर (ICMR) की ओर से जारी जांच संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। 

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कंटेनमेंट जोनों में आवश्यक दवाइयों जैसे आइएफए, कैल्शियम, ओआरएस, जिंक, गर्भ निरोधक गोलियां आदि की होम डिलेवरी का इंतजाम करने की सलाह दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि गर्भ निरोधक गोलियों के साथ ही कैल्शियम, आयरन फॉलिक एसिड और जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई जाएं ताकि इन इलाकों में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.