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डेंगू, मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

मंत्रालय ने कहा कि मानसून के दौरान और मानसून के बाद खास भौगोलिक क्षेत्रों में बीमारियों के प्रति उच्च सतर्कता रखी जानी चाहिए। जीवाणु के सह संक्रमण को भी सामान्य या गंभीर कोरोना मरीजों के मामले में ध्यान देने की जरूरत है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:47 AM (IST)
डेंगू, मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
डेंगू, मलेरिया, मौसमी फ्लू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कोरोना के साथ डेंगू, मलेरिया, मौसमी फ्लू (एच1एन1), चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए।

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मंत्रालय ने कहा कि मानसून के दौरान और मानसून के बाद खास भौगोलिक क्षेत्रों में बीमारियों के प्रति उच्च सतर्कता रखी जानी चाहिए। जीवाणु के सह संक्रमण को भी सामान्य या गंभीर कोरोना मरीजों के मामले में ध्यान देने की जरूरत है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के परामर्श के अनुरूप कोरोना और मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया तथा फ्लू, लेप्टोसपिरोसिस आदि से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाना चाहिए। साथ ही अस्पताल में कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटीजन जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के मुताबिक कोरोना का मामला संभवत: तेज बुखार और खांसी या तीनों या इससे अधिक लक्षण जैसे- बुखार, खांसी, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, नजला, उल्टी दस्त, मति भ्रम आदि हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि मौसमी महामारी संभावित बीमारी बुखार के रूप में सामने आ सकती है जिसके लक्षण कोरोना की तरह हो। ऐसे में बुखार को छोड़ कई और चिह्न और लक्षण भी हो सकते हैं जिससे बीमारी का पता लगाने में मुश्किल आए। इसको देखते हुए दिशानिर्देश में कोरोना और मौसमी इन्फ्लुएंजा में दोनों की जांच करने की बात कही गई है।

100 दिन बाद कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने का खतरा

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कोरोना संक्रमित के ठीक होने के बाद उसके दोबारा संक्रमित होने की समय सीमा 100 दिन कर दी है। मतलब कोरोना से ठीक होने के 100 दिन बाद व्यक्ति के दोबारा संक्रमित होने का खतरा है। आइसीएमआर ने बताया कि कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमण के तीन मामले मिले हैं।आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि दोबारा संक्रमित होने की समय सीमा 100 दिन तय की गई है।

उन्होंने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से हमें कुछ डाटा मिला है, जिसमें दुनियाभर में दोबारा संक्रमण के दो दर्जन मामलों का जिक्र है। भार्गव ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भी अभी तक यह नहीं बताया कि कोई व्यक्ति 90 दिन, 100 दिन या 110 दिन बाद दोबारा संक्रमित हो सकता है। लेकिन अब सरकार ने इसकी समय सीमा 100 दिन तय कर दी है।


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