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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बोले, सरकार के निर्देशों का नहीं किया पालन तो होगी धारा-188 के तहत कार्रवाई

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने कहा है कि सभी लोग सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 10:05 PM (IST)
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बोले, सरकार के निर्देशों का नहीं किया पालन तो होगी धारा-188 के तहत कार्रवाई

नई दिल्‍ली, एएनआइ। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री (Union Minister of Health and Family Welfare) डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने बुधवार को कहा कि लोगों के लिए यह जरूरी है कि सभी सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन, प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करें। ऐसा नहीं करने पर आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों हम सभी लोगों के हित में है। सरकार ने सभी की हिफाजत के लिए ही इन गाइडलाइंस, प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों को जारी किया है।  

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दो मामलों में ही ली जा सकती है हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन 

वहीं केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय (Health Ministry) के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) ने कहा कि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) को केवल दो ही मामलों में लिया जा सकता है। एक तो वैसे लोगों के लिए जो कोरोना संदिग्‍धों और पीड़ितों की देखभाल में लगे हैं जैसे कि स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मचारी... जबकि दूसरे वैसे लोग जो कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आए हैं। उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों नेशनल टास्‍क फोर्स ने कोविड-19 के हाई रिस्‍क मामलों में ही हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) को रिकमेंड किया था। टास्‍क फोर्स ने कहा था कि हाईरिस्क में काम करने वाले लोगों को ही यह दवा दी जाए। 

 

PPEs-masks के निर्यात पर लगा प्रतिबंध

लव अग्रवाल ने यह भी बताया कि हमने 31 जनवरी की शुरुआत में मास्क पीपीई के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हम यह भी अध्‍ययन कर रहे हैं कि इस नए प्रकार के वायरस से बचने के लिए किस प्रकार के पीपीई मास्‍क का इस्तेमाल किया जा सकता है। यही नहीं हम भारत में मौजूद आपूर्तिकर्ताओं पर भी विचार कर रहे हैं। जहां तक पीपीई मास्क का सवाल है इनमें से ज्यादातर में कुछ आयातित पार्ट का इस्‍तेमाल होता है। जब दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में कोरोना वायरस फैला था तो पीपीई मास्क के लिए जरूरी कंपोनेंट के आयात में बाधा आ रही थी। सरकार इन स्थितियों से अवगत है। 


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