सरकार का किसी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर रोक का इरादा नहीं, केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में जानकारी दी
केंद्र सरकार का किसी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को रोकने (ब्लाक करने) का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। हालांकि कुछ यूजर इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल देश में घृणा का माहौल बनाने के लिए कर रहे हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार का किसी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को रोकने (ब्लाक करने) का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। हालांकि कुछ यूजर इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल देश में घृणा का माहौल बनाने के लिए कर रहे हैं। लेकिन न कोई इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म और न ही कोई अन्य माध्यम देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और आइटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी है।
घृणास्पद पोस्ट को लेकर आती है शिकायतें
मंत्री ने बताया है कि इंटरनेट मीडिया पर घृणास्पद पोस्ट को लेकर सरकार के पास बहुत सारी शिकायतें आती हैं। उन शिकायतों का उचित तरीके से निस्तारण भी किया जाता है। इस सिलसिले में सरकार इंटरनेट मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से अक्सर बात भी करती है।
लोकतांत्रिक विरासत को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे
यूजर द्वारा पोस्ट सामग्री पर जवाबदेही तय करने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जाती हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र संविधान की व्यवस्था से जुड़ा है। देश का संविधान ही प्रत्येक नागरिक को मूलभूत अधिकार देता है। इसलिए कोई इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म या अन्य माध्यम देश की लोकतांत्रिक विरासत को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
दुष्प्रचार पर लगेगी लगाम
मंत्री ने कहा कि इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी एक्ट 2000 के सेक्शन 69 ए के अनुसार सरकार देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए घातक व घृणा फैलाने वाले आनलाइन कंटेंट को रोक सकती है। इस प्रविधान में देश की सुरक्षा, किसी मित्र देश के खिलाफ दुष्प्रचार और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले आनलाइन कंटेंट या सर्विस को भी रोका जा सकता है।
ट्विटर ने नोडल कांटेक्ट परसन नियुक्त नहीं किया
ट्विटर ने भारत में अस्थायी व्यवस्था के तहत चीफ कंप्लायंस आफीसर और रेजीडेंट ग्रेवियांस आफीसर की नियुक्ति की है लेकिन नोडल कांटेक्ट परसन अभी तक नियुक्त नहीं किया। जबकि इस नियुक्ति को इंटरनेट मीडिया कंपनी के लिए 26 मई से लागू नियमों में अनिवार्य किया गया है। मामला अदालत में हैं। अदालत का आदेश आने पर नया कदम उठाया जाएगा। यह बात चंद्रशेखर ने राज्यसभा को बताई है।