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सरकार ने कहा, देशभर में एनआरसी पर अभी कोई फैसला नहीं, कानून में नहीं है डिटेंशन सेंटर का प्रविधान

केंद्र सरकार ने अभी तक पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने राज्यसभा में इस संबंध में एक प्रश्न पर लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 11:27 PM (IST)
सरकार ने कहा, देशभर में एनआरसी पर अभी कोई फैसला नहीं, कानून में नहीं है डिटेंशन सेंटर का प्रविधान
सरकार ने अभी तक पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने अभी तक पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में इस संबंध में एक प्रश्न पर लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम में एनआरसी को अपडेट किया गया था। 31 अगस्त, 2019 को जारी फाइनल एनआरसी में कुल 3.30 करोड़ आवेदकों में से 19.06 लाख लोग बाहर कर दिए गए थे।

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एक अन्य सवाल पर राय ने बताया कि नागरिकता कानून, 1955 और एनआरसी के तहत डिटेंशन सेंटर का कोई प्रविधान नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी, 2012 को निर्देश दिया था कि सजा पूरी कर चुके विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने तक तत्काल जेल से हटाकर किसी ऐसी जगह रखा जाना चाहिए, जहां उन्हें सीमित आवाजाही की अनुमति हो।

इस निर्देश के तहत गृह मंत्रालय ने सात मार्च, 2012 को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को इसके अनुपालन के लिए कहा था। राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर अवैध प्रवासियों व विदेशियों के हिसाब से डिटेंशन सेंटर बनाए हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने सजा पूरी कर ली है और पर्याप्त दस्तावेज न होने के कारण उन्हें अभी उनके देश नहीं भेजा जा सका है।

वहीं दूसरी ओर सरकार ने बताया कि मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का चुनाव आयोग का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को आधार प्रणाली के साथ लिंक करने का प्रस्ताव दिया है ताकि मतदाताओं का नाम एक साथ ही कई स्थानों पर मतदाता सूची में होने की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए चुनाव संबंधी कानूनों में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल यह मसला सरकार के विचाराधीन है।  


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