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महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर सरकार ने इसके अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों की तरह देश के 115 पिछड़े जिलों में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र खोलने को मंजूरी दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 22 Nov 2017 10:00 PM (IST)
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश की आधी आबादी यानि महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत जहां बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना को विस्तार दिया गया है, जो अब देश के सभी जिलों में लागू होगी। अभी यह सिर्फ 161 जिलों में ही चल रही थी।

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महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर सरकार ने इसके अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों की तरह देश के 115 पिछड़े जिलों में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र खोलने को मंजूरी दी है। इन केंद्रों के जरिए महिलाओं को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए इन केंद्रों में स्वेच्छा से काम करने वाले विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट और आर्थिक मामलों पर गठित मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ योजना को विस्तार देने का यह प्रस्ताव 161 जिलों से मिल रहे फीडबैक के बाद दिया था। जहां योजना मौजूदा समय में चल रही है।

मंत्रालय का कहना था कि इस योजना से इन सभी जिलों में बच्चों के लिंगानुपात को समान करने और महिलाओं की पढ़ाई में काफी मदद मिल रही है। इसके साथ ही कैबिनेट ने बेटी पढ़ाओं-बेटी बचाओ योजना के लिए करीब 1132 करोड़ की राशि भी स्वीकृत कर दी है। योजना के तहत उन जिलों को इसे पहले फेज में लागू की जाएगी, जहां शिशु लिंगानुपात दर (सीएसआर) काफी कम है।

जहां मंत्रालय ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र के नाम से शुरु की गई नई स्कीम को महिला के चलाई जा रही योजनाओं से उन्हें अवगत कराने, महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर तकनीकी सहायता प्रदान करने जैसे विषयों को लेकर की है। फिलहाल इन केंद्रों की शुरुआत देश के 115 अति पिछड़े जिलों से होगी। जो जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक खोले जाएंगे।

इन केंद्रों के जरिए बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना को भी मदद दी जाएगी। इसके अलावा हिंसा से पीडित महिलाओं की मदद के लिए देश के 150 जिलों में एकल स्पॉट सेंटर (ओएससी) भी खोले जाएंगे। इन सेंटरों को महिला हेल्पलाइन से जोड़ा जाएगा, जहां हिंसा से पीडित महिलाओं को 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं मुहैय्या कराई जाएगी। इन सभी योजनाओं की समीक्षा और मानीटरिंग के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर एक कार्यबल भी गठित करने को मजूरी दी गई है।

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