100 दिन रोजगार योजना पर केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार में ठनी
इस योजना के पैसे का इस्तेमाल निजी कार्यो में प्रयोग करने की बात कही गई है। केंद्र सरकार ने 186 करोड़ रुपये वापस मांगे हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। केंद्र के साथ पश्चिम बंगाल सरकार की तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। अब केंद्र की ओर से राज्य को एक निर्देशिका जारी की गई है जिसमें 100 दिन रोजगार के लिए मुहैया कराई गई राशि को वापस लौटाने को कहा गया है। इस योजना के पैसे का इस्तेमाल निजी कार्यो में प्रयोग करने की बात कही गई है। केंद्र सरकार ने 186 करोड़ रुपये वापस मांगे हैं। इस संदर्भ में राज्य सरकार को चिट्ठी भी भेजी गई है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इससे पहले निजी कार्यों में 186 करोड़ की राशि इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाते हुए राज्य से पैसा वापस मांगा था। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से चिट्ठी लिखी गई थी और कहा गया था कि राशि वापस करना संभव नहीं है। यह बात दीगर है कि 100 दिन रोजगार के लिए फंड से संदर्भित केंद्र ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार इसके अधीन आने वाले प्रत्येक मजदूरों के लिए बैंक अकाउंट में पैसा भेजा जाता है। यह काम पहले राज्य के माध्यम से होता था।
पश्चिम बंगाल के पंचायती विभाग को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की निर्देशिका सौंपी गई है जिसमें यह बताया गया है कि किन कामों में इन पैसों का इस्तेमाल किया जा सकता है। निर्देशिका में कहा गया है कि यदि निजी मालिकाना हक वाले किसी भी परियोजना के लिए 100 दिन रोजगार को युक्त नहीं किया जा सकता।
इधर, पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि 2015-16 के लिए केंद्र ने आवंटित फंड को कम कर दिया था। ममता बनर्जी सरकार लगातार आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र में मोदी सरकार के आगमन के बाद 100 दिन काम के लिए दिनों की संख्या कम कर दी गई है।
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