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अब VIP की ड्यूटी में नहीं तैनात होंगे NSG के कमांडोज, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

withdraw NSG from VIP security duties अब केंद्र सरकार ने गणमान्‍य लोगों की सिक्‍योरिटी से एनएसजी कमांडोज को पूरी तरह हटाने का फैसला किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 06:23 PM (IST)
अब VIP की ड्यूटी में नहीं तैनात होंगे NSG के कमांडोज, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
अब VIP की ड्यूटी में नहीं तैनात होंगे NSG के कमांडोज, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। वीआइपी सुरक्षा में बड़ी कटौती करने और गांधी परिवार से एसपीजी कवर हटाने के बाद अब केंद्र सरकार ने गणमान्‍य लोगों की सिक्‍योरिटी से एनएसजी कमांडोज को पूरी तरह हटाने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सरकार के फैसले से दो दशकों से अधिक समय बाद ऐसा होगा जब घातक आतंकवाद रोधी बल के ब्लैक कैट कमांडोज वीआईपी लोगों की सुरक्षा में तैनात नहीं होंगे।

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बता दें कि एनएसजी वीआइपी लोगों को करीबी और मोबाइल सुरक्षा कवच प्रदान करता है। इसमें जेड प्‍लस श्रेणी की सुरक्षा भी शामिल है। केंद्र सरकार ने पिछले साल गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था। सरकार इसके बदले गांधी परिवार के सदस्‍यों को (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) को एसपीजी सुरक्षा के बजाए एसीआरपीएफ कमांडो की जेड प्‍लस सुरक्षा देने का फैसला किया था।

उच्‍च पदस्‍थ सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार के ताजा फैसले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सुरक्षा अब एनएसजी की जगह अब दूसरे अर्धसैनिक बल के जवान संभालेंगे। एनएसजी से सुरक्षा पाने वालों में पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल और फारूक अब्दुल्ला, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री एलके आडवाणी शामिल हैं।

उल्‍लेखनीय है कि वीआईपी को दी जाने वाली सुरक्षा का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक विभाग के रूप में काम करती है। गृह मंत्रालय वक्त-वक्त पर वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा करता है जिसके मुताबिक सुरक्षा को नियमित अंतराल पर घटाया या बढ़ाया जाता है। VIP की सुरक्षा के लिए देश में एसपीजी के अलावा X, Y, Z और Z+ सुरक्षा की व्यवस्था रही है।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का मानना है कि एनएसजी (राष्‍ट्रीय सुरक्षा गार्ड) को आतंक निरोधी अभियानों पर ही अपना ध्‍यान केंद्र‍ित करना चाहिए। वीआइपी की सुरक्षा में एनएसजी कमांडोज की तैनाती से इस बल पर अतिरिक्‍त बोझ पड़ रहा है जो इसकी विशेष क्षमताओं पर असर डाल सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के ताजा फैसले से वीआइपी की सुरक्षा में लगे 450 कमांडोज एंटी टेरर ऑपरेशनों के लिए खाली हो जाएंगे। 


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