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जरूरतमंद देशों को हर माह 850 टन कोरोना वैक्‍सीन पहुंचाएगा यूनिसेफ, 2021 के अंत तक चलेगी कवायद

कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए विकसित की गई वैक्‍सीन को जरूरतमंद देशों में भेजने के लिए यूनिसेफ पूरी तरह से तैयार है। संगठन पूरी दुनिया में सामान्‍य आपूर्ति से करीब ढाई गुना अधिक आपूर्ति करने वाला है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 03:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 08:40 AM (IST)
हर माह 850 टन वैक्‍सीन की ढुलाई करेगा यूनिसेफ

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। कोरोना महामारी का सामना कर रहे विश्‍व के लिए जहां इसकी वैक्‍सीन की शुरुआत एक सुखद खबर है वहीं कोवैक्‍स की खरीद भी राहत देने वाली है। इस बीच इस जानलेवा वायरस की रोकथाम करने वाली वैक्‍सीन को अपने लक्ष्‍य तक पहुंचाने के लिए यूनिसेफ ने भी कमर कस ली है। इसकी खुराक को संरक्षित करने को लेकर पहले से ही यूनिसेफ काम कर रहा था।

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अब संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने कहा है कि वो अगले वर्ष हर माह इस वैक्‍सीन की करीब 850 टन खुराकों को उनके लक्षित देशों में पहुंचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यूनिसेफ की तरफ से ये भी कहा गया है कि इस काम में किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और प्रा‍थमिकता के आधार पर इसको किया जाएगा। आपको बता दें कि यूनिसेर्फ ने जो ढुलाई आने वाले वर्ष में हर माह करने की बात कही है वो संगठन द्वारार की जाने वाली सामान्‍य ढुलाई से दोगुना अधिक है।

संगठन की तरफ से इस बारे में कहा गया है कि इसके लिए ज्‍यादातर वो कमर्शियल प्‍लेन का इस्‍तेमाल ही करने वाला है, लेकिन यदि जरूरत हुई तो वो चार्टर प्‍लेन को भी इस काम में लेने से पीछे नहीं हटेगा। संगठन की कार्यकारी निदेशक हैनरिएटा फोर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि संगठन के ऊपर ये एक बेहद बड़ी और एतिहासिक जिम्‍मेदारी है। इस काम में दांव पर काफी कुछ लगा हुआ है। इसके बाद भी संगठन इस जिम्‍मेदारी को पूरी तरह से निभाने के लिए तैयार है।

उनके मुताबिक इस जानलेवा वायरस की कारगर वैक्‍सीन विकसित करने वाले गावी गठबंधन के जरिए गरीब देशों में 70 हजार आपूर्ति फ्रिज की खरीद कर उन्‍हें अगले वर्ष के अंत तक स्‍थापित भी कर दिया जाएगा। इन आधुनिक फ्रिज के जरिए कोरोना महामारी की वैक्सीन की उपलब्धता का दायरा बढ़ाया जा सकेगा। आपको बता दें कि इस कोवैक्‍स को सुरक्षित बनाए रखने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होगी। इस काम में ये फ्रिज कारगर साबित होंगे। इनकी सबसे बड़ी खासियत होगी कि ये सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। इस तरह से इन फ्रिज के जरिए गरीब और निम्‍न आय वाले देशों में वैक्‍सीन की उपलब्‍धता को सहज किया जा सकेगा।

इस बीच WHO के महानिदेशक टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने एक बार फिर कहा है कि वैक्‍सीन होने के बाद भी एहतियात बरतने में कोई ढिलाई नहीं दी जानी चाहिए। यदि ऐसा हुआ हम हालात सुधारने से पहले ही उन्‍हें खराब कर देंगे। उन्‍होंने समूचे विश्‍व को आगाह किया है कि वैक्‍सीन की उपलब्‍धता के बाद भी मास्‍क लगाना, लोगों के बीच दूरी बनाए रखने के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा, नहीं तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।


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