यूनेस्को को पसंद आई भारत सरकार की 'निष्ठा' और 'एक छात्र-एक पेड़' योजना, खुलकर की तारीफ
यूनेस्को ने केंद्र सरकार के कामों की यह सराहना तब की है जब यूनेस्को की महानिदेशक आंद्रे अजूले अगुवाई में यूनेस्को की एक टीम इन दिनों भारत के दौरे पर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के दौरे पर आई यूनेस्को की टीम ने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में केंद्र सरकार के उठाए गए कदमों को सराहा है। इनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शुरु किए गए 'निष्ठा' और 'एक छात्र-एक पेड़' कार्यक्रम को सबसे ज्यादा पंसद किया है। साथ ही शिक्षा और पर्यावरण की मजबूती के लिए ऐसे कदमों को अहम बताया है। यूनेस्को ने ऐसे कार्यक्रमों को दुनिया के दूसरे देशों में शुरु करने की जरूरत बताई है। मंत्रालय से इसे लेकर पूरी जानकारी ली है।
यूनेस्को ने केंद्र सरकार के कामों की यह सराहना तब की है, जब यूनेस्को की महानिदेशक आंद्रे अजूले अगुवाई में यूनेस्को की एक टीम इन दिनों भारत के दौरे पर है। जिसकी अब तक संस्कृति और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है। इसी तरह की एक बैठक पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी हुई। जिसमें उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती के लिए उठाए गए अपने कदमों को प्रमुखता से रखा। इस दौरान निष्ठा और एक छात्र-एक पेड़ कार्यक्रम से उन्हें अवगत कराया गया है। जिसे यूनेस्को की महानिदेशक सहित पूरी टीम ने सराहा गया।
42 लाख से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम
मानव संसाधन विकास मंत्रालय फिलहाल इस निष्ठा कार्यक्रम के जरिए देश भर के 42 लाख से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत बनाया जा सके। हालांकि अभी इसकी रफ्तार काफी सुस्त है, ऐसे में इसके परिणाम आने में समय लग सकता है। जबकि एक छात्र-एक पेड़ लगाने की अभियान को इस साल ही केंद्रीय विद्यालयों से शुरु किया गया है। इसके तहत प्रत्येक छात्र को एक पौधा लगाने के प्रेरित किया जा रहा है। अब इसे आगे बढ़ाते हुए देश के सभी स्कूली बच्चों को इससे जोड़ने की तैयारी है।
मंत्रालय ने यूनेस्को की टीम के साथ अपने इन कामों को लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया है। हालांकि इस दौरान मंत्रालय ने अपने कई और कामों के भी टीम को जानकारी दी है। इनमें लीप ( लीडर फार एकेडमिशियन्स प्रोग्राम), अर्पित जैसे प्रोग्रामों की भी जानकारी दी है। जो उच्च शिक्षा को मजबूती देने के लिए चलाए जा रहे है।