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स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाएंगी विज्ञान व गणित की द्विभाषी पुस्तकें, NEP के तहत तैयार होगा पाठ्यक्रम

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में बच्चों को अब विज्ञान व गणित की द्विभाषी पुस्तकें पढ़ने को मिलेंगी। दोनों ही विषयों की पुस्तकें स्थानीय या मातृभाषा के साथ अंग्रेजी में भी होंगी। छात्रों में इस पहल से दोनों विषयों को लेकर अच्छी समझ विकसित होगी। फाइल फोटो।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 18 Mar 2023 08:32 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 08:32 PM (IST)
स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाएंगी विज्ञान व गणित की द्विभाषी पुस्तकें, NEP के तहत तैयार होगा पाठ्यक्रम
स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाएंगी विज्ञान व गणित की द्विभाषी पुस्तकें, NEP के तहत तैयार होगा पाठ्यक्रम।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शुरुआती स्तर पर अब भले ही मातृभाषा या फिर स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी लेकिन विज्ञान व गणित की पढ़ाई में उन्हें मातृभाषा या फिर स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेजी का भी विकल्प मिलेगा। फिलहाल नीति के तहत स्कूलों के लिए तैयार किए जा रहे नए पाठ्यक्रम को लेकर जो नई पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएगी, उनमें इसकी झलक देखने को मिलेगी। इन दोनों ही विषयों की पाठ्य पुस्तकें द्विभाषी होगी, जो मातृभाषा या स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेजी में भी होगी।

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अंग्रेजी के हैं दोनों विषयों के अधिक्तर शब्द

फिलहाल गणित और विज्ञान की द्विभाषी पुस्तकें तैयार करने के पीछे जो सोच है, वह इन दोनों विषयों का अंग्रेजी से ज्यादा जुड़ाव होना है। दोनों ही विषयों के ज्यादातर शब्द अंग्रेजी के है। दुनिया भर में लोगों उन्हें उन्हीं नामों या फिर संबोधन से जानते है। ऐसे यदि इन्हें मातृभाषा या स्थानीय भाषा में ही इन विषयों को पढ़ाया गया तो आगे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। या फिर वह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते है।

अंग्रेजी से साथ मातृभाषा में बेहतर समझेंगे छात्र

खास बात यह है कि नीति में भी इस संबंध में सिफारिश की गई है। स्कूलों में बच्चों को शुरुआती स्तर पर मातृभाषा में पढ़ाने की पहल भी इस सोच से की गई है, ताकि बच्चे उसे आसानी से सीख और समझ सके। एनसीईआरटी से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक विज्ञान और गणित जैसे विषयों को अंग्रेजी से साथ मातृभाषा या फिर स्थानीय भाषा में मुहैया कराने के छात्रों उसे और बेहतर समझ सकेंगे।

छात्र कर सकेंगे बेहतर प्रदर्शन

मालूम हो कि अभी छात्रों में वैसे भी गणित व विज्ञान जैसे विषयों को लेकर सबसे ज्यादा खौफ रहता है। ऐसे में उनके सामने दोनों ही भाषाओं का विकल्प होने से वह उसे अच्छी तरह से समझ सकें और उनमें बेहतर प्रदर्शन भी कर सकेंगे। इसके तहत जो नई पुस्तकें तैयार की जाएगी,उनमें प्रत्येक पाठ मातृभाषा या स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेजी में भी होगा। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूलों के लिए नए पाठ्यक्रम को अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।


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