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Ujjain Air Pollution: उज्जैन की हवा सबसे प्रदूषित, 178 तक पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

बारिश से नमी का स्तर बना हुआ है। ऐसे समय में गैस नमी पाकर भारी हो जाते हैं और बहुत कम फैलते हैं। इन स्थितियों के बावजूद इनका स्तर अभी से बढ़ने लगा है। बारिश बंद होने पर धूप होगी तो वायु प्रदूषषण बढ़ सकता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 08:41 AM (IST)
Ujjain Air Pollution: उज्जैन की हवा सबसे प्रदूषित, 178 तक पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक
भोपाल व इंदौर शहर का सूचकांक 70 से 90 के बीच है।

भोपाल/उज्जैन, जेएनएन। उज्जैन की हवा मध्य प्रदेश में सबसे प्रदूषित है। उज्जैन में ओजोन गैस का स्तर 60 और धूल के कणों का स्तर 100 तक होना चाहिए, जो बढ़कर क्रमश: 217 व 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के उज्जैन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत 15 शहरों में स्टेशन हैं, जो 24 घंटे हवा में प्रदूषण की स्थिति को रिकार्ड करते हैं। इन्हीं स्टेशनों के आंकड़ों से पता चला है कि 17 सितंबर को उज्जैन का सूचकांक सबसे अधिक 178 अंक तक पहुंच गया था।  रविवार को उज्जैन, भोपाल व इंदौर का सूचकांक क्रमश: 100, 63 व 57 रिकार्ड हुआ है।

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इसलिए चिंता की बात

बारिश हो रही है इसलिए नमी का स्तर बना हुआ है। ऐसे समय में प्रदूषित तत्व, गैस नमी पाकर भारी हो जाते हैं और हवा में नहीं या बहुत कम फैलते हैं। इन स्थितियों के बावजूद इनका स्तर अभी से बढ़ने लगा है। बारिश बंद होने पर धूप होगी तो वायु प्रदूषषण बढ़ सकता है।

उज्जैन में ये हो सकते हैं कारण

उज्जैन के बढ़े हुए एक्यूआइ के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मापक यंत्र देवास रोड भरतपुरी स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आगर रोड स्थित नगर निगम मुख्यालय, मक्सी रोड स्थित जिला औद्योगिक केंद्र और महाकाल मंदिर में लगे हुए हैं। लाकडाउन के बाद बढ़ी वाहनों की आवाजाही इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। ट्रेनें बंद होने से भी सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ी है, इसलिए भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बढ़ा है। साथ ही कुछ स्थानों पर सीवरेज प्रोजेक्ट की खोदाई से धूल के कणों की संख्या बढ़ी है। ये भी बढ़े हुए प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वे एक्यूआई के बढ़े हुए आंकड़ों की पड़ताल कर रहे हैं।

पीआर देव, सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक पीसीबी मप्र

ओजोन गैस का स्तर वाहनों से निकलने वाले धुएं व अन्य हानिकारक उत्सर्जन से बढ़ता है। लंबे समय तक इसकी अधिकता बनी रहने से यह ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

एए मिश्रा, सदस्य सचिव, पीसीबी मप्र

उज्जैन का वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ेने की वजह पता लगाकर उसे कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों से समन्वय बनाएंगे।

आशीष सिंह, कलेक्टर

वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े चिंताजनक हैं। शहर में प्रदूषषण बढ़ने के क्या कारण हैं, इसकी जांच करवाएंगे। विभागीय अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ले रहे हैं। आवश्यकता अनुसार योजना तैयार करेंगे।


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