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यूजीसी ने 24 संस्थानों को घोषित किया फर्जी, यूपी के आठ और दिल्ली के सात विश्वविद्यालय शामिल

लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा परिषद और नई दिल्ली में कुतुब इंक्लेव स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आइआइपीएम) को यूजीसी एक्ट 1956 का उल्लंघन करते हुए पाया गया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 02:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:01 AM (IST)
यूजीसी ने 24 संस्थानों को घोषित किया फर्जी, यूपी के आठ और दिल्ली के सात विश्वविद्यालय शामिल
शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया, दो के मामले कोर्ट में विचाराधीन

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी घोषित किया है और दो अन्य को मानकों का उल्लंघन करते हुए पाया।

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प्रधान ने बताया कि लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा परिषद और नई दिल्ली में कुतुब इंक्लेव स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आइआइपीएम) को यूजीसी एक्ट, 1956 का उल्लंघन करते हुए पाया गया। उनके मामले अदालत में विचाराधीन हैं। वहीं यूजीसी ने जिन 24 संस्थानों को फर्जी घोषित किया है उनमें उत्तर प्रदेश के आठ; दिल्ली के सात; ओडिशा और बंगाल के दो-दो; कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी का एक-एक विश्वविद्यालय है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के 55 फीसद पद रिक्त

एक अन्य सवाल के जवाब में प्रधान ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के स्वीकृत पदों में से करीब 55 फीसद रिक्त हैं। जबकि इंडियन इंस्टीट्यूट फार साइंस (आइआइएससी), बेंगलुरु में इस श्रेणी के 89 फीसद से ज्यादा पद खाली हैं। इसके अलावा 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी और एसटी के क्रमश: 38.71 फीसद और 41.64 फीसद पद रिक्त हैं। इसी तरह, आइआइएससी में एसटी के 54.7 फीसद और एससी के 20.2 फीसद पद रिक्त हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट्स आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में एससी, एसटी और ओबीसी के क्रमश: 39.4, 57.89 और 43.7 फीसद पद रिक्त हैं।

2.96 करोड़ स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरण नहीं

प्रधान ने बताया कि 24 राज्यों के 2.96 करोड़ स्कूली छात्रों के पास डिजिटल उपकरण नहीं हैं। ऐसे छात्रों में सबसे ज्यादा बिहार के हैं। उपरोक्त राज्यों में दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ शामिल नहीं हैं। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। बंगाल में सर्वे अभी जारी है।

एक अन्य सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले दो साल में मिड-डे मील योजना के तहत अनियमितता और खाने की खराब गुणवत्ता की 24 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से सात शिकायतें या तो निराधार पाई गईं या साबित नहीं हो सकीं।

शोध से जुड़े एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि देश के वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों में शोध एवं विकास गतिविधियों में सिर्फ 16.6 फीसद महिलाएं ही प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी हुई हैं। इस प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

देश में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे 17 विद्यालयों का निर्माण राज्य सरकार से जमीन नहीं मिलने की वजह से रुका हुआ है। इनमें से सात का काम दिल्ली, तीन बंगाल, दो जम्मू-कश्मीर और एक-एक का काम अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में रुका है।


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