रेलवे में भ्रष्टाचार का पिटारा खुला, दो नए केस दर्ज
पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद रेलवे में भ्रष्टाचार का पिटारा खुल गया है। सीबीआइ ने अब तबादलों में रिश्वतखोरी के आरोप में बंसल के निजी सचिव रहे राहुल भंडारी और नियमों की अनदेखी कर एक निजी बिल्डर को रेलवे की जमीन सस्ते में देने के आरोप में रेलवे बोर्ड के सदस्य
नई दिल्ली। पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद रेलवे में भ्रष्टाचार का पिटारा खुल गया है। सीबीआइ ने अब तबादलों में रिश्वतखोरी के आरोप में बंसल के निजी सचिव रहे राहुल भंडारी और नियमों की अनदेखी कर एक निजी बिल्डर को रेलवे की जमीन सस्ते में देने के आरोप में रेलवे बोर्ड के सदस्य (इलेक्ट्रीकल) कुलभूषण के खिलाफ प्रारंभिक जांच का केस दर्ज किया है।
रेल घूसकांड की जांच के दौरान फाइलों की पड़ताल से नए भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा हुआ। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे बोर्ड से जब्त की गई फाइलों से पता चला कि सदस्य (इलेक्ट्रीकल) कुलभूषण ने नियमों में ढील देकर रेलवे की जमीन को विकसित करने का ठेका एक निजी बिल्डर को दे दिया। इससे बिल्डर को करोड़ों रुपये का लाभ हुआ।
सीबीआइ यह जानने की कोशिश कर रही है कि इसके लिए बिल्डर से कुलभूषण ने बदले में क्या लिया था। फिलहाल इसकी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। दूसरे मामले में पवन बंसल के निजी सचिव रहे राहुल भंडारी सीबीआइ के निशाने पर हैं। प्रारंभिक जांच के केस में सीबीआइ ने भंडारी पर तबादलों में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके पास तबादलों के दर्जनों ऐसे मामले हैं, जो भंडारी के इशारे पर किए गए थे और इसके एवज में भंडारी ने पैसे भी लिए थे। उनके अनुसार जांच एजेंसी अब इसके सुबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।
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