शारजाह और बिश्केक से इंदौर आई दो उड़ानें, पहली बार दो देशों के विमान उतरे
वंदे भारत मिशन में जगह नहीं मिली तो लोगों ने खुद किराए पर लिया चार्टर्ड विमान।
इंदौर, जेएनएन। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर गुरवार को एक के बाद एक दो देशों से विमान आए। दोनों विमानों में 305 यात्री थे। जो इंदौर सहित दूसरे प्रदेश के रहने वाले हैं। जब इन्हें 'वंदे भारत मिशन' के तहत चलाए जा रहे विमान में जगह नहीं मिली तो इन लोगों ने मिलकर चार्टर्ड विमान किराए पर लिया और उससे आ गए।
जानकारी के मुताबिक, गुरवार सुबह 11: 01 बजे एयर अरेबिया का विमान शारजाह (संयुक्त अरब अमीरात) से इंदौर आया। इसमें 157 यात्री सवार थे। वहीं दोपहर 1.41 बजे बिस्केक (किर्गिस्तान की राजधानी) से वहां की एयर लाइंस का एक विमान इंदौर आया। इसमें 148 यात्री थे।
एयरपोर्ट डायरेक्टर अर्यमा सान्याल ने बताया कि 28 जून को भी इसी तरह दो विमान कुवैत से यात्रियों को लेकर आएंगे। छत्तीसगढ़ जाएंगे 65 छात्र जानकारी के मुताबिक, बिस्केक से आए यात्रियों में से 65 लोग छत्तीसगढ़ के हैं। ये वहां पढ़ने के लिए गए थे। इन लोगों को लेने के लिए छत्तीसगढ़ से बसें निकल चुकी हैं। इसलिए प्रशासन ने इन्हें इंदौर के नाथ मंदिर रोड स्थित एक होटल में 24 घंटे के लिए ठहरवाया है। शेष यात्रियों को उनके गृह जिलों में भेजा गया है।
इंदौर के लोगों को दो होटलों में रखा गया है। सात दिन बाद इन्हें होम क्वारंटाइन होना होगा। 20 दिन लग गए अनुमति लेने में विमान से आए यात्रियों ने 'नईदुनिया' को बताया कि वंदे भारत मिशन में जो फ्लाइट चलाई जा रही है, उसमें नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर लिखने पर मौका ही नहीं मिला। इसमें दिल्ली-मुंबई लिखने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। जब अनुमति नहीं मिली तो शारजाह में रहने वाले भारतीयों ने एक गु्रप बना लिया। इसके बाद एयर लाइंस से पूरा विमान बुक किया। इसके बाद वहां की सरकार और भारत सरकार से अनुमति ली। इस पूरी प्रक्रिया में 20 दिन लग गए, जिसके बाद हम भारत आ सके।