Move to Jagran APP

Bharat Bandh: वाम दलों का 48 घंटे का बंद, पश्चिम बंगाल से लेकर पूर्वोत्तर में ज्यादा असर

Bharat Bandh Live Updates, हड़ताल का असर मंगलवार सुबह से ही देश के कई राज्यों में नजर आ रहा है।

By Arti YadavEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:35 PM (IST)
Bharat Bandh: वाम दलों का 48 घंटे का बंद, पश्चिम बंगाल से लेकर पूर्वोत्तर में ज्यादा असर

जेएनएन, नई दिल्ली : वाम दलों से जुड़ी 10 ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मंगलवार से देशभर में 48 घंटे का भारत बंद शुरू हुआ। हालांकि, इसका असर वाम दलों के प्रभाव वाले राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में ही ज्यादा रहा। उत्तर व पश्चिमी भारत में बैंक कर्मचारियों के इसमें शामिल होने से बैंकिंग कारोबार प्रभावित हुआ। ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ और नौ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसे 'भारत बंद' का कहा जा रहा है, लेकिन अधिकांश राज्यों में इसका मामूली असर दिखाई दिया। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह से हड़ताल का असर दिखा।

loksabha election banner

बंगाल में जनजीवन प्रभावित

बंगाल में कई स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया और छिटपुट हिंसा की वारदातें हुई। सेंट्रल ट्रेड यूनियन (सीटू) इस बंद की अगुआई कर रहा है। पूर्वी व दक्षिण पूर्वी रेलवे के हावड़ा व स्यालदह स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया। बंद समर्थकों व पुलिस के बीच दक्षिणी 24 परगना जिले, उत्तरी 24 परगना, मध्यग्राम, हसनाबाद, बारासात में झड़पें हुई।

उप्र में भी छाया रहा सन्नाटा, दी चेतावनी

केंद्रीय श्रम संगठनों की अपील पर मंगलवार को उप्र में जहां बैंक, बीमा और डाकघर सहित केंद्र सरकार के अन्य दफ्तरों में कामकाज ठप रहा, वहीं राज्य सरकार के कार्यालयों में भी कई जगह आंशिक तौर पर सन्नाटा छाया रहा। बिजली विभाग के इंजीनियरों व कर्मचारियों ने भी विरोध-प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

छग में एनएमडीसी की दोनों परियोजनाओं में उत्पादन ठप

दो दिवसीय हड़ताल का असर पहले दिन छत्तीसगढ़ के किरंदुल-बचेली, भिलाई-दुर्ग, अंबिकापुर, रायगढ़ आदि स्थानों पर भी नजर आया। किरंदुल में एनएमडीसी कीदोनों परियोजनाओं में इस्पात उत्पादन पूरी तरह ठप रहा। इससे एनएमडीसी को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। भिलाई-दुर्ग में बीएसपी को छोड़ अन्य राष्ट्रीय सार्वजनिक उपक्रम, संस्थानों व निकायों में आंदोलन का असर दिखा। हड़ताल से बैंकिंग सेक्टर व डाक विभाग का कामकाज भी प्रभावित रहा।

20 करोड़ कर्मचारी शामिल

10 ट्रेड यूनियनों आइएनटीयूसी, एआइटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआइयूटीयूसी, एआइसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा ने संयुक्त रूप से इस बंद का आह्वान किया है। इन संगठनों का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार ने श्रमिक कल्याण के कदम उठाने के बजाए दमनकारी नीतियां अपनाई। उनका दावा है कि हड़ताल में 20 करोड़ कर्मचारी शामिल हुए।

बैंक व दूरसंचार कर्मी हड़ताल परबंद सह हड़ताल को सरकारी बैंक कर्मियों व दूरसंचार कर्मियों ने भी समर्थन दिया। उनके अलावा देश के कई किसान और शिक्षक संगठन भी शामिल हैं।

ये हैं प्रमुख मांगेंवेतन वृद्धि, रोजगार, पदोन्नति के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सहित कई अन्य मांगें भी शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.