Chandrayaan-2: ट्विटर बना मैदान-ए-जंग, भारतीय यूजर ने कहा- दूसरे की निंदा करने से पहले अपने गिरेबां में झांके पाक
भारतीय ट्विटर यूजर्स की ओर से पाकिस्तान पर पलटवार किया गया है क्योंकि वहां के यूजर्स ने लैंडर से संपर्क टूटने के बाद Chandrayaan-2 को ट्रोल किया था।
नई दिल्ली, आइएएनएस। चंद्रयान2 (Chandrayaan2) को लेकर पाकिस्तानियों की ओर से दी गई नकारात्मक प्रतिक्रिया का जवाब भारतीय यूजर्स ने भी जमकर दिया। Twitter हैंडल पर भारतीय यूजर्स ने धड़ाधड़ ट्वीट कर पाकिस्तानी यूजर्स को करारा जवाब दिया। एक यूजर ने इसे पाकिस्तान की अदूरदर्शिता बताई और कहा कि उसे इस मिशन का महत्व समझ नहीं आया।
चांद के दक्षिणी ध्रुव से थोड़ी दूरी पर ही विक्रम लैंडर के साथ संपर्क खत्म हो जाने के बाद चंद्रयान 2 को पाकिस्तानी यूजर्स ने निशाना बना ट्वीटर पर जमकर ट्रोल किया। पाकिस्तानियों के ट्वीट से ऐसा लग रहा है कि वहां मनाया जा रहा था कि भारत का चंद्रयान2 मिशन पूरा न हो पाए।
एक हार से इसरो को लेकर राय न करें कायम
एक यूजर ने लिखा, ‘पाकिस्तान इस बात को समझने में असमर्थ है कि उसकी इकोनॉमी से कहीं अधिक चंद्रयान की लागत है, भारत ऐसे सैंकड़ों चंद्रयान लांच कर सकता है और अच्छे से रह सकता है।’ वहीं एक ने लिखा, ‘असफल नहीं हुआ भारत... केवल मून लैंडर से संपर्क टूट गया।’ लैंडर ने मुश्किल फेज को सफलतापूर्वक पार कर लिया। ‘नासा भी असफल हुआ है, लेकिन सफलता की राह में असफलता होती ही है। मात्र एक हार से इसरो को लेकर कोई राय कायम न करें।’
डियर पाकिस्तानी...
एक यूजर ने लिखा, ‘डियर पाकिस्तानी, यह हमारी असफलता नहीं है। पहली सफलता यह है कि हमने वैसी जगह जाने की कोशिश की जहां कोई प्रवेश नहीं कर सकता। हमसे वह जीत नहीं छूटी जो अमेरिका से थोड़ी दूरी पर ही रही। दूसरे की निंदा करने से पहले अपने गिरेबां में भी झांके।’
आत्मघाती हमलावर बनने से अच्छा है विज्ञान पढ़ें
एक ट्वीटर यूजर ने इसमें भी सफलता देखते हुए लिखा, ‘भारत फेल नहीं हुआ है। हम मंगल पर पहुंचे। हम चंद्रमा के किसी ऐसे लोकेशन पर पहुंचे हैं जहां अब तक कोई नहीं गया। हम अंतरिक्ष शोध में बेहतरीन तरीके से बढ़ रहे हैं।‘ एक अन्य यूजर ने लिखा: कम से कम लोगों को विज्ञान का महत्व तो समझ आया जो आत्मघाती हमलावर बनने के लिए प्रोत्साहित किए जाने से बेहतर है। स्पेस एजेंसी के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क की ओर से इस समस्या की जांच की गई और डेटा का आकलन भी किया गया।
अपनी राह से भटक गया था लैंडर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन के. सिवन ने ऐलान किया कि चांद की सतह से 2.1 किमी की दूरी तक सुनियोजित योजना के अनुसार लैंडर अपना काम कर रहा था, लेकिन उसी वक्त उससे संपर्क टूट गया। स्क्रीन पर विक्रम को अपने सुनिश्चित राह से हटता हुआ देखा गया और तभी उससे लिंक खत्म हो गया। हालांकि 2,379 किग्रा का चंद्रयान 2 चंद्रमा के चारों ओर ऑर्बिटर में घूम रहा है। इसके मिशन की लाइफ एक साल है।