Move to Jagran APP

आसियान के साथ एफटीए को नई ऊर्जा देने की होगी कोशिश

जानकारों का कहना है कि आरसीईपी से जुड़े जटिल मुद्दों में से कुछ पर भी अगर सहमति बन जाती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 11 Nov 2017 12:59 AM (IST)Updated: Sat, 11 Nov 2017 12:59 AM (IST)
आसियान के साथ एफटीए को नई ऊर्जा देने की होगी कोशिश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आसियान देशों और भारत के बीच वर्ष 2010 से ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) लागू है लेकिन इसके तहत द्विपक्षीय व्यापार की प्रगति को लेकर दोनो पक्ष बहुत खास उत्साहित नहीं है। ऐसे में अगले हफ्ते फिलीपींस की राजधानी मनीला में आसियान देशों के साथ भारत की होने वाली सालाना बैठक में इस आर्थिक समझौते को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद की जा रही है। खास तौर पर दोनो पक्षों के उद्योग जगत की नजर पीएम नरेंद्र मोदी और आसियान देशों के प्रमुखों के साथ क्षेत्रीय वृहत आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर होने वाली विशेष बैठक पर है। जानकारों का कहना है कि आरसीईपी से जुड़े जटिल मुद्दों में से कुछ पर भी अगर सहमति बन जाती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।

loksabha election banner

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व) प्रीति सरण के मुताबिक आसियान देशों के साथ आर्थिक रिश्तों को लेकर जो भी मुद्दे हैं उसे सुलझाना भारत की अहम प्राथमिकता है। आसियान के साथ आर्थिक मुद्दों की अहमियत ही है कि पीएम मोदी मनीला में वहां के नेताओं के साथ कारोबार व निवेश सम्मेलन में भी भाग लेंगे और अलग से आरसीईपी पर भी बैठक करेंगे। आरसीईपी में आसियान के दस देशों के अलावा जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, दक्षिण कोरिया और भारत हिस्सा लेंगे। आरसीईपी के तहत इन देशों के बीच एक विशेष कारोबारी समझौता करने की कोशिश की जा रही है जिसमें सभी के व्यापारिक हित सुरक्षित रहे।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक आसियान के साथ बैठक में एफटीए की राह में आने वाली कई तरह की बाधाओं पर बात होगी। भारत का अपना अनुभव है कि कुछ देश गैर शुल्कीय बाधा खड़ी करते हैं। वीजा आदि देने में भी कई तरह की बाधाएं सामने आती हैं। भारत चाहता है कि आसियान के साथ एफटीए के तहत इस बारे में और स्पष्ट नियम तैयार हो। भारत आसियान के कुछ देशों की तरफ से भारतीय सेवा कंपनियों को समान अवसर देने की राह में अड़चन डालने का मुद्दा भी उठाएगा। एक तरफ भारत ने आईटी, हेल्थ जैसे सेक्टर में आसियान की कंपनियों को पूरा अवसर देता है लेकिन भारतीय कंपनियों का अनुभव कुछ अलग है।

यह भी पढ़ें: धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ आपसी समझ और सहयोग बढ़ाएगा भारत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.