अमेरिका में ट्रांसजेंडर को खारिज करने की तैयारी, विरोध शुरू
अमेरिकी सरकार लैंगिक पहचान को लेकर परिभाषा में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिकी सरकार लैंगिक पहचान को लेकर परिभाषा में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग ने इस संबंध में मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे में संघीय नागरिक अधिकार कानून टाइटल-9 के तहत लिंग निर्धारण की परिभाषा तय करने की बात कही जा रही है। यह कानून सरकारी सहायता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों में लैंगिक भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। नागरिक अधिकारों के पैराकारों ने परिभाषा में बदलाव से ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान पर संकट खड़ा होने की बात कही है।
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग का प्रस्ताव है कि किसी व्यक्ति का लिंग वही माना जाए, जो जन्म के समय उसके जननांगों के आधार पर तय होता है। इसमें किसी तरह के बदलाव का विकल्प नहीं होगा। जब तक वैज्ञानिक आधार पर बदलाव प्रमाणित नहीं होता, तब तक किसी भी व्यक्ति का लिंग उसके जन्म के आधार पर ही माना जाता रहेगा। लिंग को लेकर किसी भी विवाद की स्थिति में फैसला जेनेटिक जांच से होगा।
मसौदे से जुड़ी खबरें बाहर आते ही इसका विरोध शुरू हो गया है। नागरिक अधिकारों की पैरोकार कैथरीन ई. लमोन ने इस प्रस्ताव पर कहा, 'इस कदम का अर्थ है कि चिकित्सक क्या सोचते हैं, लोग खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं, वह सब निरर्थक है, क्योंकि सरकार असहमत है।' बराक ओबामा की सरकार में ट्रांसजेंडर लोगों का पक्ष रखने के मामले में लमोन की अहम भूमिका रही थी। ओबामा सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य से संबंधित संघीय कार्यक्रमों में लिंग निर्धारण से जुड़े प्रावधानों में ढील दी थी। इनमें लिंग को जन्म की जगह व्यक्ति की इच्छा से जुड़ा विषय माना गया था।
ट्रांसजेंडर उन लोगों को कहा जाता है, जो अपनी जन्मजात लैंगिक पहचान को स्वीकार नहीं करते हुए विपरीत लिंग वाले की तरह व्यवहार करते हैं। अमेरिका में इस समय 14 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने सर्जरी या अन्य तरीके से स्वयं का लिंग बदल लिया है। प्रस्ताव के विरोध में कई ट्रांसजेंडर लोग हैशटैग वॉन्ट बी इरेज्ड (हम नहीं मिटेंगे) के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी साझा कर रहे हैं।