त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा सीधे बांग्लादेश को निर्यात करने में आ रही बाधाओं को दूर करे केंद्र
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने कहा है कि नीति आयोग को 'विशेष केंद्रीय सहायता' और 'विशेष योजना सहयता' को पुन: शुरू करने पर विचार करना चाहिए।
हरिकिशन शर्मा, अगरतला। पूर्वोत्तर के राज्यों ने तत्कालीन योजना आयोग के समय प्रदेश सरकारों को मिलने वाले विशेष अनुदानों को फिर से शुरू करने की मांग की है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने कहा है कि नीति आयोग को 'विशेष केंद्रीय सहायता' और 'विशेष योजना सहयता' को पुन: शुरू करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने अपने राज्य से चाय, रबड़, बांस और काजू सहित कई चीजों को सीधे बांग्लादेश निर्यात करने में आ रही बाधाओं को दूर करने की मांग भी की है।
पूर्वोत्तर राज्यों में विकास की गति तेज करने के लिए गठित 'नीति फोरम फॉर नार्थ ईस्ट' की पहली बैठक को संबोधित करते हुए देब ने कहा कि लैंड कस्टम स्टेशनों (एलसीएस) के जरिए उनके राज्य में बने या पैदा हुए 10 तरह के उत्पादों को सीधे बांग्लादेश निर्यात करने में नॉन-टैरिफ बाधाएं आ रही हैं, जिसके चलते राज्य को नुकसान हो रहा है। हालांकि इन चीजों को अन्य जगहों से बांग्लादेश निर्यात किया जा सकता है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय को इस संबंध में बांग्लादेश सरकार से बातचीत कर व्यापार बाधाओं (ट्रेड बैरियर) को दूर करना चाहिए।
देब ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष परिस्थितियों का जिक्त्र करते हुए इन राज्यों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता राशि की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह तत्कालीन योजना आयोग के समय 'विशेष केंद्रीय सहायता' और 'विशेष योजना सहयता' के रूप में राज्यों को मदद दी जाती थी, नीति आयोग को वैसे अनुदान पुन: शुरु करने चाहिए।
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की जरूरत पर बल देते हुए देब ने कहा कि केंद्र सरकार की नौकरियों, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों, स्वतंत्र संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों में पूर्वोत्तर के बेरोजगार युवाओं की भर्ती के लिए एक सक्ति्रय नीति अपनायी जानी चाहिए। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के लिए सब्सिडी और मार्केटिंग मदद देने की मांग भी की। उन्होंने राज्य में आर्ट, डिजायन और फैशन टैक्नॉलाजी संस्थान भी स्थापित करने की मांग की।