New Parliament House Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर बढ़ी सियासी रार, तृणमूल ने किया बहिष्कार
संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराए जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी तकरार में तब्दील हो गया है। नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जाने से असहमत विपक्ष ने इस समारोह का बहिष्कार करने के पुख्ता संकेत दे दिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराए जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी तकरार में तब्दील हो गया है। नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जाने से असहमत विपक्ष ने इस समारोह का बहिष्कार करने के मंगलवार को पुख्ता संकेत दे दिए।
तृणमूल कांग्रेस ने इस क्रम में सबसे पहले उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का ऐलान कर विपक्षी दलों के इस मुद्दे पर आक्रामक रूख को साफ कर दिया। वैसे तृणमल का यह रुख भी रोचक है, क्योंकि विपक्ष की ओर से संयुक्त घोषणा की बजाय पार्टी ने अपनी तरफ से घोषणा कर दी। बहुत जल्द विपक्षी दलों की एक बैठक भी प्रस्तावित है और उसमें ममता खुद आने की बजाय अपने किसी मंत्री को भेजने वाली हैं।
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्यसभा व लोकसभा के साथ राष्ट्रपति संसद का अविभाज्य हिस्सा हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री का नए संसद भवन का उद्घाटन करना संवैधानिक नियमों और गरिमा दोनों के खिलाफ है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को संसद की नई इमारत के शिलान्यास और अब उद्घाटन दोनों मौकों पर राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने को लेकर सरकार पर सवाल दागे थे।
साथ ही विपक्षी खेमे के दलों से कांग्रेस की ओर से बहिष्कार की साझी रणनीति के लिए अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी गई। इसकी आहट भांपते ही तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को ही सबसे पहले अपनी तरफ से समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस विपक्षी सियासत का हिस्सा तो बने रहना चाहती है, मगर कांग्रेस का नेतृत्व अभी उसे सहज रूप से स्वीकार्य नहीं है।
इसको लेकर, राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओब्रायन ने मंगलवार को ट्वीट में कहा कि संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी को यह समझ नहीं आ रहा है। हमें इससे बाहर गिना जाए।
डेरेक के बयान से साफ है कि तृणमूल समारोह का बहिष्कार करेगी। संसद की नई इमारत का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना है। तृणमूल कांग्रेस के ऐलान ने विपक्षी खेमे के समारोह का हिस्सा नहीं बनने के इरादों का संकेत दे दिया है।