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वाहनों का परिवहन समुद्री मार्गों से हो : नितिन गडकरी

गडकरी ने शनिवार को चेन्नई में जलमार्ग के जरिये बांग्लादेश निर्यात किए गए अशोक लैलेंड के ट्रकों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 28 Oct 2017 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2017 10:22 PM (IST)
वाहनों का परिवहन समुद्री मार्गों से हो : नितिन गडकरी

चेन्नई, प्रेट्र। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से कहा है कि वे वाहनों के घरेलू परिवहन और निर्यात के लिए समुद्री मार्गो का इस्तेमाल करें। गडकरी ने शनिवार को चेन्नई में जलमार्ग के जरिये बांग्लादेश निर्यात किए गए अशोक लैलेंड के ट्रकों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि सड़क के जरिये परिवहन महंगा है और इससे पर्यावरण प्रदूषण भी होता है। दुर्घटनाओं का जोखिम भी सड़क मार्ग में ज्यादा रहता है।

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गडकरी ने कहा, 'यही कारण है कि हमने आंतरिक जलमार्गो और समुद्री परिवहन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इससे लागत घटेगी और समय बचेगा। यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। मैं सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों से अपील करता हूं कि वे अपने वाहनों की खेप को एक से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए यथासंभव जलमार्गो का उपयोग करें।' गडकरी ने नागपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम को संबोधित किया। मंत्री ने वहीं से अशोक लैलेंड के 185 ट्रकों की खेप को चेन्नई बंदरगाह से बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह के लिए रवाना किया। यह खेप 'रोरो' के जरिये भेजी गई है। रोरो सेवा में ट्रकों को जहाजों में लादा जाता है जो समुद्री मार्ग के बाद सड़क मार्ग से गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।

गडकरी ने बताया कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री परिवहन को लेकर समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि रोरो सेवा चेन्नई से कोच्चि और कोच्चि से कांडला बंदरगाह के बीच चल रही है। यह एक शानदार उदाहरण है जो ऑटोमोबाइल कंपनियों को प्रेरित करेगा।

इस मौके पर चेन्नई बंदरगाह पर उपस्थित रहे जहाजरानी एवं सड़क परिवहन राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने बताया कि अशोक लैलेंड के इन ट्रकों को जलमार्ग से भेजने से परिवहन में लगने वाला समय 15 से 20 दिन कम हो जाएगा। समुद्र के रास्ते इस परिवहन में केवल पांच दिन का वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण भी कम होगा और दुर्घटना की आशंका भी घटेगी।

अशोक लेलैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर ने विनोद के. दसारी ने कहा कि कंपनी पिछले 40 साल से सड़क मार्ग से बांग्लादेश में ट्रकों का निर्यात कर रही है। सीमा पर भीड़ और सीमा पार करने में होने वाली देरी समेत कई मसले ऐसे थे, जिनकी वजह से कंपनी कोई वैकल्पिक रास्ता तलाशना चाहती थी। अब सरकार ने समुद्र मार्ग का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया, 'हम सालाना बांग्लादेश में करीब 5,000 वाहन भेजते हैं। रोरो सेवा के जरिये 185 वाहनों की पहली खेप भेजी गई है।' उनका कहना है कि यह मार्ग लागत के लिहाज से भी लाभदायक रह सकता है। निश्चित रूप से लाभ होने पर कंपनी आगे भी इस रास्ते को अपनाएगी।

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