अटकी सड़क परियोजनाओं को कर्ज के लिए बैंकरों को मनाएंगे गडकरी
चार साल पहले भी गडकरी ने बैंकरों के साथ इसी प्रकार की एक बैठक की थी। तब 3.85 लाख करोड़ की 403 राजमार्ग परियोजनाएं अटकी हुई थीं।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भूमि अधिग्रहण व वन मंजूरी की अड़चनों के कारण सुस्त सड़क परियोजनाओं को कर्ज अदा करने में आनाकानी कर रहे बैंकरों को अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्वयं मनाएंगे। इसके लिए गडकरी ने 29 मुंबई में देश के प्रमुख बैंकरों की बैठक बुलाई है।
चार साल पहले भी गडकरी ने बैंकरों के साथ इसी प्रकार की एक बैठक की थी। तब 3.85 लाख करोड़ की 403 राजमार्ग परियोजनाएं अटकी हुई थीं। उसमें उन्होंने 1.80 लाख करोड़ की तकरीबन 189 परियोजनाओं को कर्ज जारी करने के लिए बैंकरों को राजी कर लिया था। यह अलग बात है कि इसके बावजूद उनमें से कई परियोजनाएं अब तक पूरी नहीं हुई हैं। अब चार साल बाद फिर उसी तरह के हालात दिखाई दे रहे हैं। इसलिए गडकरी ने बैंक वालों को फिर बुलाया है।
सूत्रों के अनुसार अटकी सड़क परियोजनाओं में पुरानी के अलावा कुछ नई परियोजनाएं भी शामिल हैं। मोदी सरकार ने इन परियोजनाओं को काफी सोच-विचार के बाद हरी झंडी दी थी। इसके बावजूद भूमि अधिग्रहण और वन एवं पर्यावरण की अड़चनों के कारण ये आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इनकी हालत देख अब बैंकरों ने भी हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। बैंकों के एनपीए का प्रमुख कारण सड़क क्षेत्र है। माना जाता है कि सड़क परियोजनाओं को दिया गया 20 फीसद कर्ज कभी बैंकों को वापस नहीं मिलता।
पिछले दिनो गोवा में गडकरी ने तकरीबन 700 सड़क परियोजनाओं की पड़ताल की थी। इनमें 427 परियोजनाओं का कार्यान्वयन एनएचएआइ कर रहा है, जबकि 369 परियोजनाएं सड़क मंत्रालय राज्य पीडब्लूडी की मदद से कार्यान्वित कर रहा है। इनमें भी तकरीबन सौ परियोजनाएं ऐसी हैं जिनका काम पैसों की तंगी के कारण प्राय: ठप है। इस प्रकार की ज्यादातर परियोजनाएं बीओटी आधारित हैं। इन परियोजनाओं के कंसेशनेर्स ने गडकरी से शिकायत की है कि कर्ज मंजूरी के बावजूद बैंक उन्हें पैसे जारी करने में आनाकानी कर रहे हैं।
मुंबई में होने वाली वाली बैठक में गडकरी बैंकरों को सड़क परियोजनाओं के समक्ष आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार की ओर से हाल में उठाए गए और भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देंगे। वे बैंकरों को बताएंगे कि किस तरह उन्होंने गोवा बैठक में गोवा के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान में लगभग 27 हजार किलोमीटर कुल लंबाई वाली 300 सड़क परियोजनाओं को हर हाल में अगले वर्ष मार्च तक पूरा करने का अल्टीमेटम अधिकारियों को दिया है।
और किस तरह उस बैठक के बाद केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर भूमि अधिग्रहण तथा वन मंजूरी संबंधी समस्याओं को तेजी से सुलटाने का प्रयास कर रही हैं। गडकरी बैंकरों की शिकायतें भी सुनेंगे और सुझाव मांगेंगे तथा वित्त मंत्री के माध्यम से उनके समाधान का आश्वासन देंगे।