Move to Jagran APP

कोहरे में भी 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें, रेलवे ने गति सीमा 15 किमी प्रतिघंटा बढ़ाई

कोहरा आने से पहले रेलवे मंत्रालय ने ट्रेनों को विलंब से बचाकर समय पर चलाने एवं यात्रियों को परेशानी से बचाने की पहल की है। मंत्रालय ने सुरक्षित यात्रा के लिए सभी ट्रेनों में अनिवार्य रूप से फाग सेफ्टी डिवाइस लगाने का निर्देश दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Tue, 06 Dec 2022 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 08:48 PM (IST)
रेलवे ने गति सीमा 15 किमी प्रतिघंटा बढ़ाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कोहरा आने से पहले रेलवे मंत्रालय ने ट्रेनों को विलंब से बचाकर समय पर चलाने एवं यात्रियों को परेशानी से बचाने की पहल की है। मंत्रालय ने सुरक्षित यात्रा के लिए सभी ट्रेनों में अनिवार्य रूप से फाग सेफ्टी डिवाइस लगाने का निर्देश दिया है। कोहरे एवं खराब मौसम के दौरान लोको पायलट स्थिति के अनुसार निर्णय लेते हुए ट्रेनों की अधिकतम गति को 75 किमी प्रति घंटे तक ले जा सकते हैं। अभी तक अधिकतम सीमा 60 किमी प्रति घंटे थी।

loksabha election banner

यह भी पढ़े: Fact Check : बंगाल के स्थानीय चुनाव के मतदान का वीडियो गुजरात के नाम पर गलत दावे से वायरल

रेलवे पर कोहरे का जबर्दस्त पड़ता है असर

ठंड में देश के उत्तरी हिस्से में कोहरे का जबर्दस्त असर पड़ता है। इसके चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ता है। साथ ही विलंब से चलने के चलते यात्रियों को भी परेशान होना पड़ता है। रेलवे मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि कोहरे में ट्रेनों को समय पर चलाने एवं सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। लोको पायलटों को हिदायत दी गई है कि वे आवश्यक सभी सावधानियों का पालन सुनिश्चित करें। ट्रेन परिचालन के दौरान जब लगे कि कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम है तो उन्हें गति को उस स्तर तक नियंत्रित करना चाहिए, जिससे विपरीत परिस्थिति में वह अनहोनी को टाल सकें।कोहरे में पटरियों और सिग्नल पर नजर रखने के लिए साइटिंग बोर्ड एवं फाग सिग्नल पोस्ट एवं लि¨फ्टग बैरियर पर पीली एवं काली ल्यूमिनस स्टि्रप की व्यवस्था कराई जा रही है। सिग्नल मैन को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।

लाइन क्लीयर करने से पहले जांचे दृश्यता

स्टेशन मास्टर को हिदायत दी गई है कि लाइन क्लीयर देने से पहले दृश्यता की जांच कर लें। कोहरा प्रभावित क्षेत्रों में चलने वाली ट्रेनों में लोको पायलटों को फाग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध कराया जाएगा। यह डिवाइस जीपीएस से युक्त एक उपकरण है, जो लोको पायलट को संभावित खतरे के पांच सौ मीटर पहले ही सतर्क कर देता है। डिवाइस से आवाज आने लगती है और वीडियो पर सिग्नल भी दिखने लगता है। ट्रेनों में डेटोनेटर की व्यवस्था भी की जा रही है। इससे चालक का ध्यान आकर्षित किया जा सकेगा। इंजन के गुजरने पर डेटोनेटर तेज आवाज के साथ फटते हैं। साइटिंग बोर्ड पर ट्रैक के पार लाइम मार्किंग की जाएगी। सिग्नल बोर्डों पर चमकदार पट्टियां लगाई जाएंगी।

यह भी पढ़े: डिजिटल रुपया कहां मिलेगा, कैसे काम करेगा, क्या हैं इसके फायदे, जानिए सब कुछ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.