ट्रेनें इसी तरह लेट होती रहीं, तो रुकेगा अधिकारियों का प्रमोशन
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्थिति में सुधार के लिए रेलवे के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को 30 जून तक का समय दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : ट्रेनों की लेट-लतीफी से आजिज रेल यात्रियों को इस खबर से शायद कुछ राहत मिलेगी। निर्धारित समय से विलंब से गाडि़यों के चलने की कीमत अब रेलवे अधिकारियों को चुकानी पड़ सकती है। यदि गाडि़यां इसी तरह देरी से चलती रहीं, तो रेलवे अधिकारियों का प्रमोशन रुक जाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्थिति में सुधार के लिए रेलवे के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को 30 जून तक का समय दिया है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह एक आंतरिक बैठक के दौरान गोयल ने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गाडि़यों की लेट-लटीफी के पीछे मेंटेनेंश कार्यो का बहाना अब नहीं चलेगा। उल्लेखनीय है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह प्रगति बैठक के दौरान गोयल से ट्रेनों के लेट होने का कारण जानना चाहा था।
यहां यह भी बताते चलें कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 30 फीसद ट्रेनें निर्धारित समय से विलंब से चल रही थीं। बैठक के दौरान गोयल ने सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों से एक-एक कर गाडि़यों की लेट-लतीफी का कारण जानना चाहा। उत्तर रेलवे प्रमुख के प्रति वे खास तौर से सख्त थे, क्योंकि इस क्षेत्र की गाडि़यां सबसे ज्यादा देरी से चल रही हैं। गोयल ने उन खबरों का भी हवाला दिया, जिसके मुताबिक, संसाधनों के दुरुपयोग के चलते ट्रेनें लेट हो रही हैं। उन्होंने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को इसकी जवाबदेही तय करने का भी निर्देश दिया। वे इस बात से ज्यादा नाराज थे कि छुट्टियों के समय में गाडि़यां लेट चल रही हैं, जबकि लोग सबसे ज्यादा इसी समय में यात्रा करते हैं।