Move to Jagran APP

आज है नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला का जन्मदिन

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की दूसरी ऐसी महिला थीं जो नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में गई थीं।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:56 AM (IST)
आज है नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला का जन्मदिन
आज है नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला का जन्मदिन

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। नासा के माध्यम से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला सुनीती विलियम्स का आज जन्मदिन है। उनका जन्मदिन 19 सितंबर, 1965 यूक्लिड, ओहायो में हुआ था। वो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। यह भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। इन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व किर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं।

loksabha election banner

शुरुआती जीवन

वैसे सुनीता को सुनीता विलियम्स पुकारा जाता है मगर उनका पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम्स है। उनका जन्म अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर (स्थित क्लीवलैंड) में हुआ था। मैसाचुसेट्स से हाई स्कूल पास करने के बाद 1987 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की नौसैनिक अकादमी से फिजिकल साइन्स में बीएस (स्नातक उपाधि) की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात 1995 में उन्होंने फ़्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टैक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एम.एस. की उपाधि हासिल की।

उनके पिता डॉ॰ दीपक एन. पांड्या एक जाने-माने तंत्रिका विज्ञानी (एम.डी) हैं, वो भारत के गुजरात राज्य से हैं। उनकी मां बॉनी जालोकर पांड्या स्लोवेनिया की हैं। उनका एक बड़ा भाई जय थॉमस पांड्या और एक बड़ी बहन डायना एन, पांड्या है। जब वे एक वर्ष से भी कम की थी तभी पिता 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में आकर बस गए थे। हालांकि बच्चे अपने दादा-दादी, ढेर सारे चाचा-चाची और चचेरे भाई-बहनों को छोड़कर ज्यादा खुश नहीं थे, लेकिन परिवार ने पिता दीपक को उनके चिकित्सा पेशे में प्रोत्साहित किया। 

30 अंतरिक्ष यानों में 2270 उड़ानें भरी

जून 1998 में सुनीता का अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और प्रशिक्षण शुरू हुआ। सुनीता भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं जो अमरीका के अंतरिक्ष मिशन पर गईं। वो अभी तक कुल 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भरी हैं। उन्होंने सितंबर / अक्टूबर 2007 में भारत का दौरा भी किया। सुनीता सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलेट्स, सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हैलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। 

निजी जीवन

सुनीता विलियम्स का विवाह माइकल जे. विलियम्स से हुआ। वे नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक, गोताखोर, तैराक, धर्मार्थ धन जुटाने वाली, पशु-प्रेमी, मैराथन धावक और अब अंतरिक्ष यात्री एवं विश्व-कीर्तिमान धारक हैं। उन्होंने एक साधारण व्यक्तित्व से ऊपर उठकर ये मुकाम हासिल किए। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत तथा आत्मविश्वास का इस्तेमाल किया और ये सारी चीजें हासिल की।

सम्मान और पुरस्कार

सुनीता ने सन 2008 में भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल (2), नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल, ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कई मिशन पूरे किए और उनके नाम पर कई उपलब्धियां भी रही हैं।

अंतरिक्ष में जाने वाली युवतियों के लिए प्रेरणा

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली युवतियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत सरीखी है। स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली हजारों स्टूडेंट्स के मन में अंतरिक्ष में जाने वाली अंतरिक्षयात्री बनने का होता है। ऐसे सभी बच्चों के लिए इस तरह के अंतरिक्षयात्री एक आदर्श होते हैं वो उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं और उनके जैसा बनना चाहते हैं। कई बार अंतरिक्ष में जाने वाले ऐसे लोगों से मिलकर अंतरिक्ष के बारे में और भी अधिक जानकारी हासिल करना चाहते हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.