माल्या की तरह नीरव मोदी भी भागा ब्रिटेन, जल्द वापस आने की संभावना कम
वैसे आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटेन की लंबी कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए नीरव मोदी के जल्द वापस आने की संभावना कम है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गिरफ्तारी से बचने के लिए विजय माल्या और ललित मोदी की तरह नीरव मोदी भी ब्रिटेन पहुंच गया है। भारत के दौरे पर आए ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। डर यह है कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का मामला भी माल्या और ललित मोदी की तरह लंबा न खिंच जाए।
-ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल के अधिकारियों ने की पुष्टि
-रेड कार्नर नोटिस जारी करने के लिए सीबीआइ ने इंटरपोल से किया संपर्क
ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए इस आशंका को बल मिलता है। वैसे गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु के अनुसार दौरे पर आए ब्रिटेन के मंत्री बैरोनेस विलियम्स ने माल्या, मोदी समेत दूसरे वांछित आरोपियों के जल्द प्रत्यर्पण का भरोसा दिया है।
एक ब्रिटिश अखबार में नीरव मोदी के ब्रिटेन में होने राजनीतिक शरण मांगने की खबर छपने के तत्काल बाद सीबीआइ ने उसके और मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से अनुरोध भेज दिया है। नीरव मोदी के ब्रिटेन में होने की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन मेहुल चोकसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नियम के मुताबिक रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद इंटरपोल के सभी सदस्य देशों को इनके बारे में एलर्ट कर दिया जाएगा और जहां भी उन्हें देखा जाएगा, गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मेहुल चोकसी के बारे पर यह प्रक्रिया लागू होगी। लेकिन नीरव मोदी के ब्रिटेन में पुष्टि होने के बाद भारत सरकार की ओर से उसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया जाएगा।
वैसे आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटेन की लंबी कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए नीरव मोदी के जल्द वापस आने की संभावना कम है। भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध को नीरव मोदी अदालत में चुनौती दे सकता है। जाहिर है अदालती प्रक्रिया पूरी होने तक उसके प्रत्यर्पण की उम्मीद नहीं जा सकती है। विजय माल्या और उसके पहले ललित मोदी और रवि शंकरन के खिलाफ ब्रिटेन में लंबे समय से प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है।
वार रूम लीक घोटाले के आरोपी रवि शंकरन के खिलाफ प्रत्यर्पण का केस तो 12 सालों से चल रहा है, लेकिन इसमें अभी तक सफलता नहीं मिली है। सालों से ये मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। भारत लंबे समय से ब्रिटेन के आरोपियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध करता रहा है। पिछले दिनों ब्रिटेन और भारत के गृहमंत्रालय के अधिकारियों की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। सोमवार को भारत दौरे पर आए ब्रिटिश मंत्री बेरोनस विलियम्स के सामने भी यह मुद्दा उठाया गया।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ पीएनबी से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक घोटाले के आरोप में सीबीआइ और ईडी चार्जशीट कर चुकी है। घोटाले में मिलीभगत को देखते हुए पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। जबकि अदालत इन दोनों को भगोड़ा भी घोषित कर चुकी है। घोटाले के खुलासे से पहले ही दोनों देश छोड़कर जा चुके थे। बीच में नीरव मोदी के हांगकांग और मेहुल चोकसी के अमेरिका में होने की खबरें आ रही थी।