'मैं आटो भी चलाउंगी और घर भी' महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रयास
महिला अधिकारों और लैंगिक समानता को साकार करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई जिसमें महिला आर्थिक सशक्तिकरण को बल दिया गया है इस पहल में महिलाओं की कमाई में मदद करने के लिए मैं ईटो भी चलाउंगी और घर भी की शुरुआत की गई है
हैदराबाद, एएनआइ। महिला अधिकारों और लैंगिक समानता को साकार करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई, जिसमें महिला आर्थिक सशक्तिकरण को बल दिया गया है, इस पहल में महिलाओं की कमाई में मदद करने के लिए 'मैं ईटो भी चलाउंगी और घर भी' की शुरुआत की गई है, जिससे ना सिर्फ महिलाओं को उनकी आर्थिक स्थिति में मदद मिलेगी बल्कि इससे उनके आत्म विश्वास में भी वृद्धि होगी।
क्या है ईटो (ई-रिक्शा) चलाने की प्रक्रिया
महिला आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर के क्षेत्र में समान रूप से महिलाओं की भागीदारी को शामिल की जा रही है। महिलाओं के ईटो (ई-रिक्शा) चलाने की पहल एक सशक्त और बेहतरीन शुरुआत है। ईटो (ई-रिक्शा) उपाध्यक्ष राजीव वाईएसआर ने बताया, 'महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, हमने महिलाओं की कमाई में मदद करने के लिए 'मैं इटो भी चलाउंगी और घर भी' पहल शुरू की है। वे 36 महीने के लिए ईटो को किराए पर ले सकते हैं, कमा सकते हैं और फिर 3 साल के अंत में इसे खरीदने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं'
बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी
भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जहां पुरुषों का हर क्षेत्र में बोलबाला है, वहीं महिलाएं भी घर-परिवार संभालने के साथ-साथ हर कार्यक्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं। महिलाएं हवाई जहाज उड़ने से लेकर ऑफिस में दिन भर कड़ी मेहनत कर रहीं हैं। आपको बता दें की एक तरफ जहां कैब कंपनियां महिला ड्राइवरों की नियुक्तियाँ जोरों-शोरों से कर रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार और अन्य वाहन कंपनियां भी महिलओं की भिन्न-भिन्न वाहन चालक के लिए नियुक्तियां कर रहीं हैं।
इससे पहले कर्नाटक सरकार कचरा उठाने वाले वाहनों के लिए महिला ड्राइवरों की नियुक्ति की शुरुआत कर चुकी है। कर्नाटक ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग ने ग्राम पंचायत स्तर पर कचरा उठाने वाले वाहनों के ड्राइवर पद पर अब महिलाओं को नियुक्त करने का एलान किया है, जिससे महिलाओं के भीतर यक़ीनन आत्मविश्वास की वृद्धि होगी। यह कदम आने वाले समय में और भी सकारात्मक साबित होगा।